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वित्त वर्ष 23 की चौथी तिमाही में कंपनियों का बढ़ा मुनाफा मगर आय हुई कम

Last Updated- April 23, 2023 | 11:19 PM IST
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Business Standard

वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही (जनवरी-मार्च) में अभी तक जारी कंपनी परिणामों से पता चलता है कि कंपनियों की आय में वृद्धि नरम पड़ी है मगर मुनाफा बढ़ा है। इस तिमाही में कच्चे माल की लागत कम होने और बैंकों के फंसे ऋण के लिए कम प्रावधान की वजह से कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है।

अभी तक 66 कंपनियों ने वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के नतीजे जारी किए हैं, जिनका समेकित शुद्ध मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 15.2 फीसदी बढ़ा है। बीते वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही के मुकाबले इनके कुल मुनाफे में 4.3 फीसदी का इजाफा हुआ है। मगर इन कंपनियों की शुद्ध बिक्री या आय जनवरी-मार्च 2022 की तुलना में 11.5 फीसदी ही बढ़ी है, जो पिछली आठ तिमाही में सबसे कम वृद्धि है।

बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा जनवरी-मार्च 2023 तिमाही में 67,527.1 करोड़ रुपये रहा, जबकि इससे पिछले साल की समान तिमाही में यह 58,614.8 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 62,667.5 करोड़ रुपये था। इन कंपनियों की समेकित शुद्ध बिक्री या आय इस दौरान बढ़कर 4.65 लाख करोड़ रुपये रही, जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में 4.17 लाख करोड़ रुपये और पिछले वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में 4.61 लाख करोड़ रुपये थी।

दूसरी ओर कच्चे माल पर कंपनियों का कुल खर्च सालाना आधार पर 5.1 फीसदी घटा है, जबकि वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में यह 15.4 फीसदी और ​इससे पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में 41.9 फीसदी बढ़ा था। कच्चे माल की लागत कम होने से कंपनियों के एबिटा या परिचालन मुनाफा मार्जिन में सुधार हुआ है। नमूने में शामिल कंपनियों का परिचालन मार्जिन सालाना आधार पर 300 आधार अंक और तिमाही आधार पर 180 आधार अंक बढ़ा है।

हालांकि शुरुआती नतीजे जारी करने वाली कंपनियों के मार्जिन और मुनाफे में सुधार से वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही की स्पष्ट तस्वीर नजर नहीं आती है क्योंकि अभी गिनी-चुनी कंपनियों ने ही अपने नतीजे जारी किए हैं।

कम खर्च से मार्जिन में सुधार मुख्य रूप से बैंकों और रिलायंस इंडस्ट्रीज को हुआ है जबकि अन्य क्षेत्रों की कंपनियों के मार्जिन और मुनाफा वृद्धि में कमी आई है।

सिस्टमैटिक्स इंस्टीट्यूशनल इ​क्विटी में निदेशक और रणनीति प्रमुख धनंजय सिन्हा ने कहा, ‘कंपनियों के नतीजों की शुरुआती खेप से संकेत मिलता है कि विनिर्माण और गैर-बीएफएसआई क्षेत्र की कंपनियों की आय वृद्धि तथा मार्जिन में आगे और कमी आ सकती है। गैर-बीएफएसआई कंपनियों के नतीजे आने पर ​स्थिति और साफ होगी।’

शुरुआती दौर में नतीजे जारी करने वाली कंपनियों की कुल मुनाफा वृद्धि में करीब 81 फीसदी योगदान रिलायंस इंडस्ट्रीज (34.7 फीसदी), आईसीआईसीआई बैंक (23.9 फीसदी) और एचडीएफसी बैंक (22.4 फीसदी) का था। इन तीन कंपनियों का अभी तक नतीजे जारी करने वाली कंपनियों के कुल शुद्ध मुनाफे में 58 फीसदी हिस्सेदारी है। रिलायंस इंडस्ट्रीज को कच्चे माल की लागत तथा कर देनदारी घटने का लाभ मिला है जबकि एचडीएफसी बैंक और आईसीआईसीआई बैंक को गैर-निष्पादित ऋणों के लिए कम प्रावधान का फायदा मिला है।

वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही के शुरुआती दौर में नतीजे जारी करने वाली 50 कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा (बैंक, वित्त और बीमा तथा रिलायंस) को छोड़कर महज 7.5 फीसदी बढ़ा है, जो वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही की 22.6 फीसदी वृद्धि से कम है। इसी तरह इन कंपनियों की शुद्ध लाभ में वृद्धि समीक्षाधीन तिमाही में सालाना आधार पर 14.1 फीसदी घटी है।

शुरुआती नतीजों में ऊंची ब्याज दरों का भी असर दिखा है। इन कंपनियों का कुल ब्याज खर्च पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 45.1 फीसदी बढ़ा है, जो 17 तिमाही में सबसे अ​धिक है। इसकी तुलना में इन कंपनियों का परिचालन मुनाफा 22.8 फीसदी बढ़ा है जो पिछली तीन तिमाही में सबसे अ​​धिक है।

धातु एवं खनन, बिजली, दूरसंचार, वाहन तथा निर्माण क्षेत्र की ज्यादा पूंजी की जरूरत वाली कंपनियों के नतीजे जारी होने पर ब्याज दरों में तेजी का असर और स्पष्ट नजर आ सकता है।

First Published - April 23, 2023 | 9:21 PM IST

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