नागरिक उड्डयन मंत्री के. राममोहन नायडू ने गुरुवार को लोकसभा में कहा कि सरकार ने भारत में विमानों के ‘रखरखाव, मरम्मत और ओवरहाल’ (एमआरओ) सेवाओं की स्थापना के लिए कई कदम उठाए हैं और इसका कुल कारोबार सात वर्षों में दो अरब डॉलर से बढ़कर चार अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच सकता है।
उन्होंने सदन में प्रश्नकाल के दौरान पूरक प्रश्नों के उत्तर देते हुए यह जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि एमआरओ उद्योग और विमानन क्षेत्र को बड़ा बढ़ावा देते हुए सरकार ने विमान के पुर्जों, परीक्षण उपकरण, अन्य उपकरणों और टूलकिट पर पांच प्रतिशत जीएसटी की एक समान दर लागू की।
मंत्री ने सदन को बताया, ‘‘देश में एमआरओ उद्योग के सात वर्षों में दो अरब डॉलर से बढ़कर चार अरब डॉलर होने की उम्मीद है।’’
नायडू ने कहा कि अगर कोई भारत में कहीं भी हवाई पट्टी या हवाई अड्डे के साथ एमआरओ उद्योग स्थापित करना चाहता है तो केंद्र सभी सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है।