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ई-कॉमर्स कंपनियों को चेतावनी! डार्क पैटर्न पर CCPA की सख्ती, 3 महीने में करें ऑडिट

उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group - JWG) का गठन किया है।

Last Updated- June 07, 2025 | 3:25 PM IST
Mckinsey Report
Representative Image

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने शनिवार को देश की सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को एक अहम सलाह जारी की है। इसमें कहा गया है कि सभी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म खुद ही जांच करें कि वे अपनी वेबसाइट या ऐप पर किसी भी तरह के “डार्क पैटर्न” (यानि उपभोक्ताओं को धोखे से गुमराह करने वाली तरकीबें) का इस्तेमाल तो नहीं कर रहे हैं।

इस जांच को सलाह जारी होने की तारीख से तीन महीने के भीतर पूरा करना होगा। इसके बाद कंपनियों को यह घोषणा भी करनी चाहिए कि उनके प्लेटफॉर्म पर कोई भी डार्क पैटर्न नहीं है।

CCPA ने कहा कि अगर कंपनियां खुद यह घोषणा करेंगी, तो इससे उपभोक्ताओं और ई-कॉमर्स कंपनियों के बीच विश्वास बढ़ेगा और डिजिटल दुनिया में एक ईमानदार और पारदर्शी माहौल तैयार होगा।

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उपभोक्ता मामलों के विभाग ने एक संयुक्त कार्य समूह (Joint Working Group – JWG) का गठन किया है। इसमें संबंधित मंत्रालयों, नियामकों, उपभोक्ता संगठनों और राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि शामिल हैं।

इस समूह का काम यह देखना है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर डार्क पैटर्न (यानि उपभोक्ताओं को भ्रमित या गुमराह करने वाले तरीके) का इस्तेमाल कहां हो रहा है। यह समूह समय-समय पर इस बारे में जानकारी उपभोक्ता मामलों के विभाग को देगा। इसके अलावा, यह उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए जरूरी कार्यक्रमों का सुझाव भी देगा।

पिछले महीने, केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी ने डार्क पैटर्न के बढ़ते इस्तेमाल को लेकर 50 से ज्यादा ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ बैठक की थी।

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स और ऐप्स पर जानबूझकर ऐसे डिज़ाइन या फीचर्स इस्तेमाल किए जा रहे हैं, जो उपभोक्ताओं को भ्रमित कर सकते हैं या उन्हें ऐसा कुछ करने पर मजबूर कर सकते हैं जो वे नहीं करना चाहते थे। इस पर उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह जोशी ने कहा, “यह कोई छोटी-मोटी बात नहीं है, यह सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है। हमने सभी प्लेटफॉर्म्स को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे न सिर्फ खुद नियमों का पालन करें, बल्कि अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद थर्ड-पार्टी मर्चेंट्स को भी इन गड़बड़ी वाले तरीकों के इस्तेमाल से रोकें।”

हाल ही में, उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कैब सेवा देने वाले ऐप्स, जैसे Uber और Ola को उनके “एडवांस टिप” फीचर को लेकर नोटिस भेजा है।

डार्क पैटर्न्स वो डिजाइन या तरीके होते हैं जो वेबसाइट या ऐप के यूआई/यूएक्स (यूज़र इंटरफेस और यूज़र एक्सपीरियंस) में छिपे होते हैं और जिनका मकसद उपभोक्ताओं को धोखे में डालना होता है। ये तरीके अक्सर इस तरह से बनाए जाते हैं कि ग्राहक अनजाने में ही किसी सेवा को चुन लें या अतिरिक्त शुल्क दे दें।

उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय इन भ्रामक डिज़ाइनों पर लगाम लगाने के लिए सक्रिय है। 2023 में इस संबंध में डार्क पैटर्न्स को रोकने और उन्हें रेगुलेट करने के लिए दिशानिर्देश भी जारी किए गए थे।

First Published - June 7, 2025 | 3:25 PM IST

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