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JSW Steel मामले में कोर्ट के आदेश में ‘कई त्रुटियां’

सरकार ने उच्चतम न्यायालय के आदेश की समीक्षा की, सीओसी से समीक्षा याचिका की संभावना

Last Updated- May 08, 2025 | 10:48 PM IST
SC scraps JSW Steel's Bhushan Power & Steel resolution, orders liquidation

सरकार को जेएसडब्ल्यू स्टील और भूषण पावर ऐंड स्टील मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश में डेट-इक्विटी की व्याख्या सहित ‘कई त्रुटियां’ मिली हैं। इस मामले से अवगत लोगों ने यह जानकारी दी है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि इन ‘त्रुटियों के आधार पर ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) की ओर से उच्चतम न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर किए जाने की उम्मीद है।

शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘हमारी लीगल टीम के मुताबिक तमाम त्रुटियां हैं। वे (सीओसी) समीक्षा याचिका दायर करेंगे।’ शीर्ष न्यायालय ने जेएसडब्ल्यू स्टील की समाधान योजना को प्राथमिक रूप से दो वजहों से खारिज की थी। वित्तपोषण संरचना में बदलाव एक वजह थी। बोलियों के मूल्यांकन के समय समाधान योजना में निर्धारित इक्विटी निवेश के विपरीत इक्विटी और अनिवार्य रूप से परिवर्तनीय डिबेंचर (सीसीडी) का मिश्रण करने के लिए बदलाव किया गया। दूसरा, समयसीमा का उल्लंघन किया गया।

उच्चतम न्यायालय ने कहा था, ‘एसआरए ने इक्विटी योगदान के लिए शेयर कैपिटल के रूप में केवल 100 करोड़ रुपये डाले। शेष 8,450 करोड़ रुपये कनवर्टिबल डिबेंचर के माध्यम से आए। इसकी वजह से अनिश्चितता आई और प्रवर्तन निदेशालय ने बीपीसीएल की परिसंपत्तियों की कुर्की का आदेश दिया।’ न्यायालय ने अपने आदेश में यह कहा कि जेएसडब्ल्यू स्टील ने अपने इक्विटी दायित्वों को पूरा नहीं किया है।

सूत्र ने कहा, ‘अनिवार्य कनवर्टिबल डिबेंचर के माध्यम से धन डालने को इक्विटी डालने के रूप में विचार किया जाना चाहिए। अनिवार्य कनवर्टिबल इंस्ट्रूमेंट्स को व्यापक तौर पर इक्विटी के करीब समान ही माना जाता है। यदि धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत कार्यवाही के कारण भूषण स्टील को जब्त कर लिया जाता तो जेएसडब्ल्यू को अपना निवेश वापस पाने में मदद मिल सकती थी। यह ऐसी स्थिति में संभव नहीं था, अगर पूरा धन सिर्फ इक्विटी इशुएंस के माध्यम से लगाया गया होता।’

उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है, ‘प्रतिवादी जेएसडब्ल्यू द्वारा रिकॉर्ड पर कोई सामग्री या हलफनामा प्रस्तुत नहीं किया गया है, जिससे यह पता चले कि पूर्वोक्त खंडों में परिकल्पित इक्विटी प्रतिबद्धता, जो कि पूर्व शर्त थी, उसके द्वारा पूरी की गई थी।’ऐसा माना जा रहा है कि जेएसडब्ल्यू सभी कानूनी विकल्पों का मूल्यांकन कर रही है। इस मामले से जुड़े एक व्यक्ति ने कहा, ‘एक समीक्षा याचिका दाखिल की जाएगी। कई तथ्य हैं, जिन्हें आदेश में संज्ञान में नहीं लिया गया है।’

आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने जेएसडब्ल्यू-भूषण स्टील मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश के असर को समझने के लिए आदेश की समीक्षा की है। सूत्रों ने कहा कि वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने इस मामले में बुधवार को वित्त मंत्रालय के अधिकारियों को जानकारी दी है और आगे के विकल्पों पर चर्चा की है।

 

First Published - May 8, 2025 | 10:48 PM IST

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