भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) पर आयात शुल्क घटाने की योजना बनाई है, हालांकि घरेलू ऑटोमोबाइल कंपनियां इसे चार साल तक टालने की मांग कर रही थीं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को प्राथमिकता दे रही है, जिसके तहत EV पर शुल्क में कटौती होगी।
घरेलू कार निर्माता कंपनियां चाहती थीं कि 2029 तक EV पर शुल्क में कोई बदलाव न किया जाए और उसके बाद इसे धीरे-धीरे 100% से घटाकर 30% किया जाए। लेकिन सरकार इस मांग को ठुकराते हुए जल्द से जल्द शुल्क घटाने की तैयारी कर रही है। दो सरकारी अधिकारियों ने बताया कि यह अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते का अहम हिस्सा होगा।
अमेरिका के साथ व्यापार समझौते की तैयारी
एक सरकारी अधिकारी ने कहा, “हमने ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री को बहुत ज्यादा सुरक्षा दी है, अब हमें इसे खोलना होगा। EV पर शुल्क को बड़े पैमाने पर घटाने की योजना है।” हालांकि, इस कटौती की सटीक दरों का खुलासा नहीं किया गया है, क्योंकि अमेरिका के साथ अभी बातचीत चल रही है।
भारत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पहले ही “टैरिफ किंग” का टैग लगा चुके हैं। ऐसे में सरकार चाहती है कि शुल्क में कटौती कर अमेरिका के साथ व्यापारिक संबंध बेहतर बनाए जाएं।
टेस्ला को होगा फायदा, घरेलू कंपनियों को झटका
अगर भारत तुरंत शुल्क में कटौती करता है, तो इसका सबसे ज्यादा फायदा अमेरिकी कंपनी टेस्ला को होगा, जिसने मुंबई और दिल्ली में शोरूम खोलने की योजना बनाई है। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क लंबे समय से भारत में EV बेचने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ऊंचे आयात शुल्क के कारण वे इसे संभव नहीं मानते थे।
वहीं, यह फैसला घरेलू कंपनियों टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ये कंपनियां पहले से ही भारतीय EV बाजार में निवेश कर रही हैं और सस्ते आयातित EV आने से उनके कारोबार पर असर पड़ सकता है।
भारतीय EV बाजार पर असर
2024 में भारत में 4.3 मिलियन कारों की बिक्री हुई थी, जिसमें से सिर्फ 2.5% इलेक्ट्रिक वाहन थे। सरकार की योजना 2030 तक इसे 30% तक ले जाने की है। घरेलू वाहन निर्माताओं ने कहा है कि वे पेट्रोल कारों पर शुल्क में कुछ तत्काल कटौती को स्वीकार कर सकते हैं, लेकिन EV शुल्क में जल्द कटौती से उनकी निवेश योजनाएं प्रभावित होंगी। उनका निवेश सरकार की 2029 तक चलने वाली स्थानीय उत्पादन प्रोत्साहन योजना से जुड़ा है। ऐसे में अगर जल्द ही सस्ते EV आयात किए जाते हैं, तो उनका मुकाबला करना मुश्किल होगा।
बहरहाल, सरकार अमेरिका के साथ बातचीत के बाद अंतिम फैसला लेगी। हालांकि, संकेत यही हैं कि EV पर आयात शुल्क जल्द ही कम किया जाएगा, जिससे भारत का EV बाजार और प्रतिस्पर्धी बन सकता है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)