कोविड महामारी के बाद भारत में एमएसएमई ऋण पोर्टफोलियो के प्रदर्शन में सुधार हुआ है। ट्रांसयूनियन सिबिल-सिडबी रिपोर्ट के मुताबिक सितंबर 2023 में चूक की दर घटकर 2 साल के निचले स्तर 2.3 फीसदी पर पहुंच गई है।
साथ ही आर्थिक गतिविधियों में तेजी के भी संकेत मिल रहे हैं। निजी और सरकारी बैंकों व गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीसी) सहित सभी कर्जदाताओं से एमएसएमई ऋण की मांग बढ़ी है। इसमें पिछले साल की समान अवधि की तुलना में 29 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है।
अगर हम उप क्षेत्र के मुताबिक देखें तो बहुत कम राशि के कर्ज सेग्मेंट (10 लाख रुपये से कम) में चूक की दर सबसे ज्यादा 5.8 फीसदी है। सभी कर्जदाताओं में से निजी बैंकों में चूक की दर सबसे कम 1.5 फीसदी है, जबकि सरकारी बैंकों में यह 3.2 फीसदी है।
एनबीएफसी में चूक की दर 2.9 फीसदी थी। सभी 3 ऋण श्रेणियों में सितंबर 2022 में चूक की दर कम हुई है।