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Palm Oil: भारतीय रिफाइनर्स ने 1 लाख मीट्रिक टन पाम ऑयल के कॉन्ट्रैक्ट रद्द किए

भारतीय रद्दीकरण से मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में तेजी कुछ कम हो सकती है, लेकिन सोयाबीन तेल की कीमतों में बढ़ोतरी संभव है

Last Updated- September 23, 2024 | 6:26 PM IST
जुलाई में पाम ऑयल और सोया तेल का आयात एक साल के हाई पर, त्योहारों से पहले खरीद में उछाल India's July palm imports surge, near one-year high on festive demand

भारत के तेल रिफाइनर्स ने अक्टूबर से दिसंबर के बीच 1 लाख मीट्रिक टन पाम तेल के आयात ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। इसकी वजह विदेशों में पाम तेल की कीमतों में तेज़ी और सरकार द्वारा आयात शुल्क बढ़ाया जाना है। इस वजह से रिफाइनर्स ने मुनाफा कमाने के लिए ऑर्डर रद्द कर दिए हैं। यह जानकारी पांच व्यापारिक अधिकारियों ने रॉयटर्स को दी।

वहीं, भारत ने पिछले चार दिनों में 1 लाख मीट्रिक टन तेल के ऑर्डर रद्द किए हैं, जिनमें से अकेले सोमवार को 50,000 टन का ऑर्डर शामिल था। मलेशिया में पाम तेल की कीमतें 2.5 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचने के बाद यह फैसला लिया गया। भारतीय रद्दीकरण से मलेशियाई पाम तेल की कीमतों में तेजी कुछ कम हो सकती है, लेकिन सोयाबीन तेल की कीमतों में बढ़ोतरी संभव है, क्योंकि कुछ रिफाइनर्स सोयाबीन तेल का रुख कर रहे हैं।

भारत ने इस महीने की शुरुआत में कच्चे और प्रोसेस्ड खाद्य तेलों पर आयात शुल्क में 20 प्रतिशत की वृद्धि की, जिससे कच्चे पाम तेल पर कुल आयात शुल्क 5.5 प्रतिशत से बढ़कर 27.5 प्रतिशत हो गया है।

पूर्वी तट पर स्थित एक रिफाइनरी के मालिक, जिन्होंने अक्टूबर की डिलीवरी के लिए पाम तेल की शिपमेंट रद्द की, ने बताया, “उच्च आयात शुल्क और मलेशिया में तेल की कीमतों में उछाल ने सभी को हैरान कर दिया। इस वजह से रिफाइनर्स को पुराने ऑर्डर रद्द करके ज्यादा मुनाफा कमाने का मौका मिल गया।”

भारत हर महीने लगभग 7.5 लाख टन पाम तेल का आयात करता है, और 1 लाख टन का रद्दीकरण मासिक आयात का करीब 13.3 प्रतिशत है।

अक्टूबर की डिलीवरी के लिए भारत में कच्चा पाम तेल अभी लगभग 1,080 डॉलर प्रति टन की कीमत पर मिल रहा है, जबकि एक महीने पहले यह कीमत 980 से 1,000 डॉलर प्रति टन थी। इस कीमत के अंतर से खरीदारों को 80 से 100 डॉलर प्रति टन का फायदा हो रहा है। पंतजलि फूड्स लिमिटेड के उपाध्यक्ष, आशिष आचार्य ने बताया कि पूर्वी तट के रिफाइनर्स अपने अनुबंध रद्द करके अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।

भारत मुख्य रूप से इंडोनेशिया, मलेशिया और थाईलैंड से पाम तेल का आयात करता है।

सनविन ग्रुप के सीईओ संदीप बजोरिया ने कहा, “रिफाइनर्स को दिसंबर तिमाही में उच्च कीमतों पर मांग को लेकर संशय है। वे इस बात से भी चिंतित हैं कि क्या ये कीमतें बरकरार रहेंगी, इसीलिए वे कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर रहे हैं।”

पारंपरिक रूप से एशियाई खरीदार पाम तेल का इस्तेमाल इसकी कम कीमत और जल्दी शिपमेंट के कारण करते हैं। हालांकि, हाल की कीमतों में वृद्धि के कारण अब पाम तेल की कीमत सोयाबीन तेल से ज्यादा हो गई है। मुंबई के एक डीलर ने कहा कि खरीदार सर्दियों में महंगे पाम तेल की जगह सस्ता सोयाबीन और सूरजमुखी तेल खरीदना पसंद करेंगे।

सर्दियों के महीनों में भारत का पाम तेल आयात सामान्य तौर पर कम हो जाता है, क्योंकि ठंडे मौसम में यह तेल जमने लगता है। भारत मुख्य रूप से अर्जेंटीना, ब्राजील, रूस और यूक्रेन से सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का आयात करता है। (रॉयटर्स के इनपुट के साथ)

First Published - September 23, 2024 | 6:26 PM IST

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