रिलायंस इंडस्ट्रीज अगले 10 साल में 60 अरब डॉलर का निवेश करेगी और यह अनुमान वैश्विक वित्तीय दिग्गज मॉर्गन स्टैनली का है। इसके साथ ही आरआईएल अन्य दिग्गजों की सूची मसलन टाटा, जेएसडब्ल्यू और अदाणी समूह में शामिल हो जाएगी, जिन्होंने अगले दशक के लिए भारी भरकम निवेश का ऐलान किया है।
पिछले महीने जेएसडब्ल्यू समूह ने अपने निवेश का लक्ष्य 70 अरब डॉलर कर दिया था, जो 2030 तक होगा और मुख्य रूप से बंदरगाह, स्टील और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में होगा। जेएसडब्ल्यू के नए निवेश आंकड़ों में ओडिशा में इलेक्ट्रिक वाहन परियोजना पर होने वाला 5 अरब डॉलर का निवेश शामिल है, जिसकी घोषणा इस साल फरवरी में हुई थी।
टाटा समूह ने समूह की कंपनियों में 120 अरब डॉलर के निवेश योजना की घोषणा की है, वहीं अदाणी समूह ने अगले दशक में 100 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया है, जो मुख्य रूप से एयरपोर्ट बनाने, बंदरगाह बनाने और सड़क बनाने पर होगा।
आदित्य बिड़ला समूह के स्वामित्व वाली अल्ट्राटेक ने ऐलान किया है कि वह अगले तीन साल में 32,400 करोड़ रुपये का पूंजीगत खर्च करेगी। आरआईएल ने इस रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से मना कर दिया और कहा कि वह दूरदर्शी बयान
नहीं देती।
आरआईएल नई ऊर्जा, अक्षय ऊर्जा और दूरसंचार में आगामी वर्षों में निवेश करेगी। पिछले साल शेयरधारकों की बैठक में आरआईएल के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने कहा था कि कंपनी का संचयी निवेश पिछले 10 साल में 150 अरब डॉलर से ज्यादा रहा है, जो किसी अन्य भारतीय कॉरपोरेट घराने से ज्यादा है और दुनिया भर के अग्रणी कारोबारों के मुकाबले भी।
अगले पांच साल में आरआईएल की योजना अपनी ज्यादातर ऊर्जा व डिजिटल सेवाओं को ग्रीन एनर्जी में शिफ्ट करने की है, जो न सिर्फ पर्यावरण अनुकूल होगा बल्कि कम लागत वाला भी। अंबानी ने ये बातें कही थी।