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मुंबई से समूचे महाराष्ट्र में फैलता टेक्सटाइल कारोबार

कपड़े और परिधान के कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की 10.4 फीसदी हिस्सेदारी है> कपड़ा उद्योग की बड़ी कंपनियां आज भी मुंबई में ही हैं।

Last Updated- December 22, 2024 | 10:27 PM IST
मिश्रित सिंथेटिक कपड़ों में कमजोरी से परिधान निर्यात पर असरः रिपोर्ट , Weakness in blended synthetic fabrics impacts apparel exports: Report

मुंबई का पुश्तैनी कपड़ा कारोबार भले ही गर्दिश में चल रहा है लेकिन महाराष्ट्र में कपड़ा उद्योग मजबूत हो रहा है। कपड़ा मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक देश के कपड़ा उद्योग में सबसे ज्यादा योगदान इसी राज्य का है। कपड़े और परिधान के कुल उत्पादन में महाराष्ट्र की 10.4 फीसदी हिस्सेदारी है और इस क्षेत्र में देश का 10 फीसदी से ज्यादा रोजगार भी यहीं से आता है।

महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम ने 11 एक्सक्लूसिव टेक्सटाइल पार्क बनाकर प्रदेश के कपड़ा उद्योग की रफ्तार बढ़ा दी है। ये पार्क अमरावती, ठाणे, सोलापुर, कोल्हापुर, नागपुर, नासिक, पुणे और नंदुरबार जैसे क्षेत्रों में स्थित हैं। इसके साथ ही महाराष्ट्र में वस्त्र एवं परिधान उद्योग को बढ़ाने के लिए नई कपड़ा नीति भी तैयार की गई है। इस नीति का उद्देश्य तकनीक उन्नयन के जरिये कपड़ा मूल्य श्रृंखला को बढ़ावा देना है। साथ ही क्षेत्र में 25,000 करोड़ रुपये का निवेश लाने का लक्ष्य भी रखा गया है ताकि कपास का उत्पादन 80 फीसदी तक बढ़ाया जा सके और रोजगार के 5 लाख से ज्यादा मौके तैयार हो सकें। महाराष्ट्र की भौगोलिक स्थिति भी ऐसी है कि वह कपड़ा उद्योग में अग्रणी रहा है। यहां की मिट्टी कपास की खेती के लिहाज से बेहद उपजाऊ है। इसीलिए देश भर में कपास के रकबे में सबसे ज्यादा 39.41 लाख हेक्टेयर की हिस्सेदारी महाराष्ट्र की ही है। यह राज्य समुद्र तट के किनारे बसा है, जिसकी वजह से निर्यात करना और देश के दूसरे हिस्सों में माल पहुंचाना बहुत आसान रहा है।

1854 में खुली थी पहली सूती मिल

मुंबई में 19वीं सदी से ही कपड़ा उद्योग का बहुत समृद्ध इतिहास रहा है। उसी दौर में मुंबई देश में कपड़ा उत्पादन और व्यापार के महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा था। यहां पास में ताड़देव इलाके में सबसे पहले 1854 में बॉम्बे स्पिनिंग ऐंड वीविंग कंपनी ने अपनी कपड़ा मिल शुरू की थी। यह देश में कपड़े की पहली मिल थी। उसके बाद यहां कई मिलें खुलीं और उद्योग तेजी से आगे बढ़ता गया। 1870 के दशक में देश की 60 फीसदी सूती मिलें महाराष्ट्र में ही थीं और इनमें से ज्यादा बड़ी मिलें मुंबई में थीं।

समय बदला तो मिलें भी मुंबई से पलायन कर गईं। मगर इन मिलों के दफ्तर आज भी मुंबई में दिख जाते हैं और उनकी वजह से कपड़ा उद्योग की बड़ी कंपनियां आज भी मुंबई में ही हैं। इनमें बॉम्बे डाइंग ऐंड मैन्युफैक्चरिंग कंपनी, रिलायंस इंडस्ट्रीज (टेक्सटाइल डिविजन), एवाईएम सिंटेक्स लिमिटेड, रेमंड ग्रुप, ट्रेंट ( वेस्टसाइड) , दामोदर इंडस्ट्रीज, जेबीएफ इंडस्ट्रीज, वर्धमान टेक्सटाइल्स , ग्रासिम इंडस्ट्रीज, बार्नेट इंडिया, सियाराम सिल्क मिल्स, सेंचुरी टेक्सटाइल्स, बॉम्बे रेयॉन फैशन, मफतलाल इंडस्ट्रीज, डोनियर इंडस्ट्रीज जैसे अग्रणी नाम शामिल हैं।

First Published - December 22, 2024 | 10:27 PM IST

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