वर्ल्ड फूड इंडिया के तीसरे संस्करण में भारतीय उद्योग जगत के शीर्ष अधिकारियों ने अपनी बातें रखीं। गुरुवार को भारत मंडपम में आयोजित बैठक में खाद्य एवं कृषि कंपनियों, रोजमर्रा के सामान बनाने वाली (एफएमसीजी) 50 से अधिक कंपनियों के मुख्य कार्य अधिकारियों ने सरकारी अधिकारियों के साथ कराधान, कारोबारी सुगमता और उद्योग को सब्सिडी आदि मसले पर अपनी चिंता व्यक्त की।
बैठक की अध्यक्षता खाद्य प्रसंस्करण मंत्री चिराग पासवान, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने की। खाद्य प्रसंस्करण सचिव अनिता प्रवीण और खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू भी बैठक में मौजूद थे। इस दौरान अधिकारियों से उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन (पीएलआई), वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) मानदंडों, इन्वर्टेड सीमा शुल्क और भ्रामक विज्ञापन जैसे अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई।
बैठक के बाद संवाददाताओं से चिराग पासवान ने कहा, ‘इस बैठक का मकसद उद्योग को अपनी चिंता जाहिर करने और सरकार को सुझाव देने के लिए मंच प्रदान करना था। कारोबारी सुगमता और आयात से जुड़ी कई चिंताएं सामने आईं। इन मुद्दों से संबंधित विभाग अब उद्योग द्वारा की गई इन शिकायतों के समाधान की दिशा में काम करेगा।’
जीएसटी दरों पर जताई गई चिंता के बारे में उन्होंने कहा कि उद्योग को निश्चित रूप से जीएसटी को लेकर चिंताएं हैं। मैं उनके द्वारा दिए गए सुझावों और दरों में बदलाव की मांग के कारणों को भी जीएसटी परिषद के समक्ष रखूंगा। मगर अंतिम निर्णय परिषद को ही लेना है। इससे पहले कार्यक्रम के उद्घाटन के दौरान चिराग ने कहा कि सरकार खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रयास कर रही है।