इंफोसिस की 16-17 अप्रैल 2025 को हुई बोर्ड मीटिंग में कंपनी के चौथी तिमाही और पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के नतीजों को मंजूरी दी गई। बोर्ड ने कंपनी और उसकी सब्सिडियरी कंपनियों के ऑडिटेड वित्तीय नतीजों को इंडियन अकाउंटिंग स्टैंडर्ड (INDAS) और इंटरनेशनल फाइनेंशियल रिपोर्टिंग स्टैंडर्ड (IFRS) के तहत पास किया। इससे जुड़ी सभी रिपोर्ट्स शेयर बाजारों को सौंप दी गई हैं।
शेयरहोल्डर्स को ₹22 का डिविडेंड मिलेगा
बोर्ड ने इस वित्त वर्ष के लिए ₹22 प्रति शेयर फाइनल डिविडेंड देने की सिफारिश की है। 5 रुपये की फेस वैल्यू के साथ ये 440% का डिविडेंड है। साथ ही ये बीते 10 सालों में सबसे बड़ा डिविडेंड है। यह डिविडेंड 30 जून 2025 को दिया जाएगा, बशर्ते कि 25 जून को होने वाली सालाना आम मीटिंग (AGM) में इसे मंजूरी मिल जाए। इसके लिए रिकॉर्ड डेट 30 मई तय की गई है।
दो विदेशी कंपनियों का अधिग्रहण
इंफोसिस ने दो बड़ी विदेशी कंपनियों के अधिग्रहण को मंजूरी दी है। इसमें पहली है अमेरिका की MRE Consulting Limited और दूसरी ऑस्ट्रेलिया की तीन कंपनियां—The Missing Link Security Pty Ltd, The Missing Link Network Integration Pty Ltd. और The Missing Link Automation Pty Ltd. कंपनी ने इन सौदों को पूरा करने के लिए अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में नई सब्सिडियरी बनाने का भी फैसला लिया है।
कंपनी ने जापान में अपने जॉइंट वेंचर ‘HiPUS’ में Mitsubishi Heavy Industries के निवेश को भी मंजूरी दी है। यह साझेदारी जापान में डिजिटल सेवाओं को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
सीईओ को मिला मोटा स्टॉक बोनस
इंफोसिस ने अपने CEO और MD सलील पारेख को तीन तरह के स्टॉक इंसेंटिव देने की घोषणा की है। उन्हें करीब ₹34.75 करोड़ के शेयर परफॉर्मेंस के आधार पर दिए जाएंगे, ₹2 करोड़ के शेयर ESG यानी पर्यावरण-सामाजिक लक्ष्यों के आधार पर, और ₹5 करोड़ के शेयर कंपनी के लॉन्ग टर्म परफॉर्मेंस पर निर्भर रहेंगे। ये शेयर एक तय समय बाद वेस्ट होंगे, यानी उन्हें पूरी तरह से पाने के लिए कंपनी को लक्ष्य पूरे करने होंगे।
सीक्रेटेरियल ऑडिटर की नियुक्ति
कंपनी ने मकंरद एम. जोशी एंड कंपनी को अगले 5 साल के लिए कंपनी का सीक्रेटेरियल ऑडिटर नियुक्त किया है। इस नियुक्ति को AGM में शेयरहोल्डर्स की मंजूरी मिलना बाकी है।
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