इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुमान के अनुसार साल 2023 में 28 नैनोमीटर (एनएम) और उससे अधिक वाली सेमीकंडक्टर चिप की घरेलू बाजार की मांग सालाना 17 अरब से 20 अरब डॉलर के बीच होगी। मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने यह जानकारी दी।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने सरकार की रणनीति को सही ठहराया है। अधिकारी ने कहा ‘हम पहले परिपक्व नोड्स का निर्माण करते हुए इस मसले से निपट रहे हैं, जो 28 एनएम और उससे अधिक वाले हैं क्योंकि भारत में ऐसा बड़ा बाजार है, फिलहाल जिसकी जरूरत ज्यादातर आयात से पूरी की जाती है। वैश्विक स्तर पर भी बड़ा बाजार है। उसके बाद हम इससे छोटे नोड्स वाले अगले चरण की ओर बढ़ेंगे। हमारा अनुमान है कि अगले पांच साल में सामान्य आधार पर सेमीकंडक्टर चिप की कुल मांग 100 अरब डॉलर तक बढ़ जाएगी। अगर विनिर्माण तेजी से होता है, जो कि संभाव है, तो सेमीकंडक्टरों के बाजार का आकार और बढ़ जाएगा।’
यह घरेलू सेमीकंडक्टर चिप बाजार की कुल जरूरत का तकरीबन आधा हिस्सा है, जो साल 2023 में 35 अरब डॉलर से 40 अरब डॉलर के बीच आंका गया है।
काउंटरपॉइंट रिसर्च इंडिया के संस्थापक नील शाह कहते हैं ‘भले ही आप यह मान लें कि पांच से 10 प्रतिशत बाजार देश के पहले फैब्रिकेशन (फैब) की ओर स्थानांतरित हो जाएगा, लेकिन आप नौ से 10 अरब डॉलर वाला बाजार 18 से 20 अरब डॉलर के स्तर पर जाते हुए देख रहे हैं, जो बड़ा है और लंबे समय तक वहां कायम रहेगा।’
यह वह बाजार है, वर्तमान में जिसकी जरूरत ज्यादातर आयात से पूरी की जाती है। टाटा समूह देश के अपने पहले फैब संयंत्र द्वारा बाजार को आपूर्ति करने की योजना बना रहा है। अधिकारी ने बताया कि टाटा ने गुजरात के धोलेरा में स्थापित किए जाने वाले 50,000 वेफर प्रति माह के संयंत्र में 11 अरब डॉलर का निवेश किया है।
हालांकि प्रसिद्ध अर्थशास्त्री और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने भारत द्वारा सेमीकंडक्टर उद्योग को 75,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी देने के संबंध में संदेह जताया था, जबकि शिक्षा के लिए वार्षिक बजट बहुत कम है।
राजन ने कहा कि अगर भारत की फैब रणनीति के संबंध में सब कुछ ठीक रहता है, तो देश को 28 एनएम वाले चिप मिलेंगे, जबकि वास्तव में आधुनिक सेल फोन में 3 एनएम और उससे कम वाला अत्याधुनिक चिप है।
राजन ने कहा कि अगर हमें अग्रिम मोर्चे पर वैश्विक चिप विनिर्माता बनना है, तो हमें उस सीमा तक पहुंचने से पहले चिप कारखानों की कुछ पीढ़ियों को सब्सिडी देनी होगी।
विशेषज्ञ यह भी बताते हैं कि आधुनिक मोबाइल फोन में वर्तमान में केवल कुछ ही 3 एनएम वाले चिप का उपयोग करते हैं। ए17 चिप के साथ आईफोन 15 प्रो और प्रो मैक्स इस क्षेत्र में ऐपल का पहली शुरुआत है। (पहले उनमें 5 एनएम चिप का उपयोग किया जाता था)।