विंड एनर्जी से जुड़ी सर्विस प्रोवाइड करने वाली कंपनी आईनॉक्स विंड (Inox Wind Ltd) मंगलवार (8 अगस्त) को ब्लॉक डील के जरिए 500 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी बेच सकती है।
न्यूज चैनल CNBC TV-18 ने एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया कि इस डील के तहत शेयरों को Inox Wind के मौजूदा मार्केट प्राइस के मुकाबले अधिकतम 5 फीसदी तक कम भाव पर बेचा जाने की संभावना है।
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Inox Wind, 5 बिलियन डॉलर के आईनॉक्स जीएफएल समूह का हिस्सा है, जो की विंड एनर्जी के बाजार में पूरी तरह से एकीकृत खिलाड़ी है।
आईनॉक्स विंड आईपीपी, उपयोगिताओं, पब्लिक सेक्टर की इकाइयों और कॉर्पोरेट निवेशकों और गुजरात, हिमाचल और मध्य प्रदेश में तीन विनिर्माण संयंत्रों (manufacturing plants) को सेवाएं देता है।
जबकि अहमदाबाद प्लांट और बड़वानी प्लांट ब्लेड और ट्यूबलर टावरों का निर्माण करते हैं, हब और नैकेल्स (hubs and nacelles) का निर्माण हिमाचल के ऊना संयंत्र (Una plant) में किया जाता है।
इसके पास गुजरात के भुज (Gujarat’s Bhuj)में हब और नैकलेस की सुविधा भी है। इसकी कुल विनिर्माण क्षमता 1,600 मेगावाट प्रति वर्ष है।
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7 अगस्त (सोमवार) को बीएसई (BSE) पर आईनॉक्स विंड के शेयरों 1.89 फीसदी गिरकर 209.85 रुपये के भाव पर बंद हुए।
जून तिमाही तक, Inox Wind के प्रमोटर और प्रमोटर ग्रुप्स के पास कंपनी में शेयरहोल्डिंग कुल 72.01 प्रतिशत है।
बता दें कि इस हिस्सेदारी में से कंपनी की प्रमोटर आईनॉक्स विंड एनर्जी लिमिटेड की हिस्सेदारी 54.70 फीसदी है। इसके प्रमोटर ग्रुप में तीन कंपनियां शामिल है– देवांश ट्रेडमार्ट एलएलपी, आर्यवर्धन ट्रेडिंग एलएलपी और आईनॉक्स लीजिंग एंड फाइनेंस लिमिटेड। इन तीनों कंपनियों के पास क्रमश: 7.06 प्रतिशत, 5.23 प्रतिशत और क्रमशः 5.02 प्रतिशत की हिस्सेदारी है।
Inox Wind ने लगभग एक हफ्ते पहले अपने जून तिमाही (Q1FY24) के नतीजे घोषित किए थे। कंपनी ने बताया कि जून तिमाही में उसका शुद्ध घाटा 64.3 करोड़ रुपये पर आ गया, जो एक साल पहले इसी तिमाही में 130 करोड़ रुपये था।
वहीं, कंपनी के कंसॉलिडेटेड रेवेन्यू (consolidated revenue) में बढ़त देखने को मिली और यह 352 करोड़ रुपये हो गया।
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