जेएसडब्ल्यू समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल और निदेशक पार्थ जिंदल ने जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया की शुरुआत की है। इसकी योजना साल 2030 तक दस लाख ईवी बेचने की है। चीन की एसएआईसी मोटर के साथ संयुक्त उद्यम साल 2025 की शुरुआत तक भारत में इलेक्ट्रिक स्पोर्ट्स कार साइबरस्टर लाने की योजना बना रहा है। संयुक्त उद्यम का इरादा साल 2030 तक पांच अरब डॉलर तक का निवेश करने का है।
मुंबई में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सज्जन जिंदल और पार्थ जिंदल तथा एमजी मोटर इंडिया के सीईओ एमेरिटस राजीव छाबा ने भारतीय ईवी क्षेत्र को उसी तरह बदलने के अपने दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जैसा मारुति सुजूकी इंडिया ने 1980 के दशक में किफायती, छोटी कार पेश करके किया था। प्रमुख अंश …
पार्थ जिंदल : जेएसडब्ल्यू समूह के पास संयुक्त उद्यम में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, एक भारतीय वित्तीय निवेशक के पास 11 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी, जबकि डीलरों के पास तीन प्रतिशत हिस्सेदारी रहेगी तथा कर्मचारियों के लिए पांच प्रतिशत हिस्सेदारी रखी जाएगी। तो, संयुक्त उद्यम में अधिकांश हिस्सेदारी भारतीयों के पास होगी। हमने संयुक्त उद्यम में 5,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है और इसमें वे सभी उत्पाद शामिल हैं, जिन्हें एमजी मोटर इंडिया भारत में पेश करेगी। हम इस साल के अंत में आने वाले त्योहारी सीजन से हर तीन से चार महीने में एक नई कार पेश करने की योजना बना रहे हैं। हमारा लक्ष्य साल 2030 तक दस लाख इलेक्ट्रिक कारें बेचने का है।
राजीव छाबा : हम अपने डीलरों, साझेदारों और कर्मचारियों को प्रोत्साहित करना चाहते थे। यह वाहन उद्योग में इस तरह का इकलौता ऐसा संयुक्त उद्यम है व सभी हितधारकों के लिए फायदे का सौदा है।
सज्जन जिंदल : यह बात महत्वपूर्ण नहीं है कि हमारे पास कितनी प्रतिशत हिस्सेदारी है। जेएसडब्ल्यू के लिए यह बात महत्वपूर्ण है कि हम भारत में सर्वोच्च और सर्वोत्तम उपलब्ध प्रौद्योगिकी वाली कारें लाएं तथा उन्हें भारत में निर्मित और डिजाइन करें और उन्हें ग्राहकों को सबसे कम कीमत पर दें। एमजी के साथ मेरा सपना नई ऊर्जा वाले वाहनों में मारुति जैसा माहौल निर्मित करना है।
पार्थ जिंदल : हमने ओडिशा में संपूर्ण ईवी पारिस्थितिकी तंत्र में व्यापक निवेश का ऐलान किया है। यह निवेश जेएसडब्ल्यू समूह द्वारा एकल आधार पर किया जाएगा। इसमें बैटरी निर्माण, वाणिज्यिक इलेक्ट्रिक वाहनों का निर्माण शामिल होगा और कौन जानता है कि भविष्य में ओडिशा ही जेएसडब्ल्यू एमजी मोटर इंडिया के लिए विनिर्माण स्थल का अगला स्थान भी हो सकता है। लेकिन अभी तक ओडिशा में निवेश केवल जेएसडब्ल्यू समूह की ओर से है।
पार्थ जिंदल : यह नीति प्रीमियम श्रेणी के लिए आकर्षक लगती है, लेकिन हमें बारीकियों का अध्ययन करना होगा। हमें अध्ययन करना होगा कि यह नीति हमारी बैटरी विनिर्माण योजनाओं को किस तरह प्रभावित करेगी।
इस नई ईवी नीति से टेस्ला को भारत में आधार स्थापित करने में मदद मिल सकती है। ईलॉन मस्क (टेस्ला के सीईओ) के लिए आपका संदेश क्या रहेगा?
सज्जन जिंदल : भारत में आपका स्वागत है।