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माइक्रोफाइनेंस कंपनियों को तगड़ा झटका, Q3 में झेलना पड़ा 1241 करोड़ रुपये का घाटा; बढ़ते NPA से बढ़ी मुश्किलें

वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में इन एमएफआई के उपबंध व राइट ऑफ बढ़कर 2,357 करोड़ रुपये हो गए थे जबकि यह एक साल पहले 378.1 करोड़ रुपये थे।

Last Updated- February 24, 2025 | 6:59 AM IST
SIF scheme

पांच सूचीबद्ध माइक्रोफाइनैंस संस्थानों (एमएफआई) के समूह को वर्ष 2024 की दिसंबर तिमाही की समाप्ति (वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही) पर 1,241 करोड़ रुपये का घाटा झेलना पड़ा था। एमएफआई का बुरा हाल प्रावधान व दबाव वाली संपत्तियों पर राइट ऑफ बढ़ने के कारण हुआ था। एमएफआई में शामिल इन पांच गैरबैंकिंग वित्तीय कंपनियों ने बीते साल की इस तिमाही (वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही) में 844.8 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ दर्ज किया था। कैपिटालाइन डेटा के विश्लेषण के मुताबिक इन्होंने 2024 की सितंबर तिमाही (वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही) में 229 करोड़ रुपये की शुद्ध हानि दर्ज की थी।

वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में इन एमएफआई के उपबंध व राइट ऑफ बढ़कर 2,357 करोड़ रुपये हो गए थे जबकि यह एक साल पहले 378.1 करोड़ रुपये थे। वे 2024 की सितंबर तिमाही की समाप्ति पर क्रमिक रूप से 22.6 प्रतिशत बढ़कर 1,923.3 करोड़ रुपये थे। कैपिटालाइन के आंकड़ों के मुताबिक तीन प्रमुख दिग्गजों – स्पंदन स्फूर्ति, क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण और फ्यूजन फाइनैंस को वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में प्रावधानों और राइट ऑफ के कारण करीब 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ा था।

कर्ज में फंसे ऋण बढ़ने के कारण प्रावधानों पर दबाव बढ़ा। कुछ कंपनियों ने भुगतान में देरी वाले वाले कर्ज के लिए प्रावधानों को तेजी से आगे बढ़ाया है लेकिन वे फिर भी गैर निष्पादित आस्तियां रहीं। ऐसा बही खाते के लिए किया गया था।

क्रेडिट एक्सेस की सकल गैर निष्पादित आस्तियां दिसंबर 2024 में बढ़कर 3.99 प्रतिशत हो गई थीं जबकि यह दिसंबर 2023 में 0.97 प्रतिशत और सितंबर 2024 में 2.44 प्रतिशत थीं। हैदराबाद की स्पंदन स्फूर्ति की सकल गैर निष्पादित आस्तियां दिसंबर 2024 में बढ़कर 4.85 प्रतिशत हो गई थीं जबकि यह दिसंबर 2023 में 1.61 प्रतिशत थीं। सितंबर 2024 में फंसे हुए कर्ज का प्रतिशत 4.86 प्रतिशत था। फ्यूजन फाइनैंस लिमिटेड का सकल फंसा हुआ ऋण बीते साल के 3.0 प्रतिशत से बढ़कर 12.6 प्रतिशत हो गया जबकि यह सितंबर 2023 में 9.4 प्रतिशत था।

इक्रा में फाइनैंशियल सेक्टर रेटिंग्स के सीनियर वाइस प्रजिडेंट और ग्रुप हेड ए एम कार्तिक ने कहा कि तीसरी तिमाही में बकाया राशि का प्रवाह बढ़कर शीर्ष पर पहुंच गया था। वित्त वर्ष 25 की चौथी तिमाही में बकाया का प्रवाह गिरने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि जनवरी में नियमित हिस्से से बकाया हिस्से में कम था और यह स्थितियां फरवरी में बेहतर होने की उम्मीद है।

इस तिमाही में सालाना आधार पर संचालन आय 2.5 प्रतिशत बढ़कर 3,773.2 करोड़ रुपये हो गई। क्रमिक रूप से संचालन आय सितंबर 2024 की समाप्ति पर 9.1 प्रतिशत गिरकर 4,150.1 करोड़ हो गई।

वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में शुल्क व कमीशन से युक्त अन्य आय सालाना आधार पर क्रमश 43.5 प्रतिशत गिरकर 32.3 करोड़ रुपये और 5.6 प्रतिशत गिरकर 34.2 करोड़ रुपये हो गई थी। वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में ब्याज की लागत 3.7 प्रतिशत बढ़कर 1,422.7 करोड़ रुपये हो गई थी। यह वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में बीते वर्ष की तुलना में 3.5 प्रतिशत गिरकर 1,371 करोड़ रुपये थी। यह वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में 1,473 करोड़ रुपये थी।

अभी पर्याप्त पूंजी

एमएफआई के तौर पर अभी कार्य कर रहीं कंपनियों के पास अभी दबाव वाले ऋण के पोर्टफोलियों के दबाव को झेलने के लिए पर्याप्त पूंजी है। स्पंदन का दिसंबर 2024 में पूंजी पर्याप्तता अनुपात (सीएआर) 36 प्रतिशत था और यह भविष्य के कोष की वृद्धि के लिए 750 करोड़ रुपये का निवेश करने के लिए तैयार है। क्रेडिट एक्सेस ग्रामीण का सीएआर 25.9 प्रतिशत था। फ्यूजन फाइनैंस का सीएआर दिसंबर 2024 में 22.2 प्रतिशत था और यह राइट इश्यू के जरिये 800 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी में थी।

First Published - February 24, 2025 | 6:52 AM IST

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