इंटरनेट के माध्यम से टैक्सी सेवा प्रदान करने वाली कंपनी ओला का कहना है कि उसका कारोबार भारत में काफी फैल चुका है। ओला के संस्थापक भवीश अग्रवाल ने आज कहा कि उबर भारत में उनकी कंपनी से काफी पीछे चल रही हैं।
इससे पहले उबर के मुख्य कार्याधिकारी दारा खुसरोशाही ने एक राष्ट्रीय दैनिक को दिए साक्षात्कार में कहा था कि ओला का मुख्य ध्यान इलेक्ट्रिक वाहनों के कारोबार पर है जबकि उबर राइड-शेयरिंग कारोबार में अधिक दिलचस्पी ले रही है।
खोसरोशाही ने यह भी कहा था कि उनकी कंपनी भारत में सबसे आगे रहने के लिए आई है न कि पीछे-पीछे चलने के लिए। अग्रवाल की टिप्पणी उबर प्रमुख के बयान के बाद आई है।
खोसरोशाही की टिप्पणी पर अग्रवाल ने प्रतिक्रिया में बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘ओला मजबूती के साथ कारोबार लगातार बढ़ा रही है। इसका कारोबार भारत में रोज बढ़ता ही जा रहा है। श्रीमान उबर (खुसरोशाही) हमसे कहीं पीछे हैं। अगर आप राइड-शेयरिंग कारोबार से मिलने वाले राजस्व को देखें तो वित्त वर्ष 2023 में यह हमारे मामले में 3 गुना था। उबर हमें टक्कर नहीं दे पा रही है।’
अग्रवाल ने दावा किया कि भारत में सड़कों पर उबर बहुत कम दिखाई देती है। ओला इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खंड में 5,500 करोड़ रुपये का आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की तैयारी कर रही है। कंपनी ओला इलेक्ट्रिक के जरिये यह निर्मग लाएगी।
देश में ईवी खंड में यह किसी भी कंपनी द्वारा लाया जाने वाला पहला आईपीओ होगा। कंपनी ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को प्रारंभिक पंजीकरण दस्तावेज भी सौंप दिए हैं। अग्रवाल आम चुनाव से पलहे आईपीओ लाने का पूरा प्रयास कर रहे हैं।