हैदराबाद की फार्मा कंपनी डॉ. रेड्डी की लैब्स (DRL) ने अपने कर्मचारियों की संख्या 25 प्रतिशत तक कम करने का फैसला किया है। इससे कंपनी के खर्चों में कमी आएगी। जानकारी के मुताबिक, यह प्रोसेस पहले ही शुरू हो चुकी है। कंपनी ने कुछ ज्यादा वेतन पाने वाले कर्मचारियों से इस्तीफा देने को कहा है। इनमें वे लोग भी शामिल हैं, जो हर साल ₹1 करोड़ से ज्यादा कमाते हैं। इसके अलावा, 50-55 साल के कर्मचारियों को रिसर्च और डेवलपमेंट विभाग से स्वैच्छिक रिटायरमेंट का ऑफर भी दिया गया है।
कंपनी की स्थिति
डॉ. रेड्डी की लैब्स के 2024 की वित्तीय रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी में कुल 26,343 कर्मचारी थे। इनमें से 21,757 कर्मचारी पर्मानेंट थे। कंपनी ने 6,281 नए कर्मचारियों को नौकरी दी। FY24 में कंपनी ने कर्मचारियों के फायदे पर ₹5,030 करोड़ खर्च किए, और ट्रेनिंग पर ₹39.2 करोड़ खर्च किए।
नए क्षेत्रों में बदलाव
विश्लेषकों के अनुसार, कंपनी ने कई नए क्षेत्रों में निवेश किया है, जैसे न्यूट्रास्युटिकल (Nestlé के साथ साझेदारी) और डिजिटल थेरापी (माइग्रेन और पेट की बीमारियों के लिए)। अगर ये क्षेत्र उम्मीद के मुताबिक काम नहीं करते हैं, तो कर्मचारियों की संख्या कम की जा सकती है।
कंपनी की योजना
विश्लेषकों का कहना है कि डॉ. रेड्डी की लैब्स अपने मुख्य व्यापार को बढ़ाने, नए उत्पाद लाने और साझेदारी करने पर ध्यान दे रही है। उनका लक्ष्य है कि वह अपनी लागत घटा कर अच्छा मुनाफा कमाएं। गौर करने वाली बात है कि FY24 में कर्मचारियों का औसत वेतन 7 प्रतिशत बढ़ा। इसके अलावा, कंपनी के बड़े अधिकारियों की पारिश्रमिक में 14 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई।