अदाणी समूह के प्रवर्तकों ने निर्णय लिया है कि वे समूह के विस्तार एवं वृद्धि को रफ्तार देने के वास्ते जरूरी रकम जुटाने के लिए अपने बहीखातों पर कर्ज का बोझ नहीं बढ़ाएंगे। इस मामले से अवगत दो सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि यह अदाणी समूह के प्रवर्तकों की नई जोखिम प्रबंधन रणनीति का हिस्सा है। सूत्रों ने कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद समूह के बाजार पूंजीकरण में हुई भारी गिरावट के बाद प्रवर्तकों ने यह फैसला किया है। हालांकि वे जरूरत पड़ने पर समूह की कंपनियों के लिए ‘शुद्ध ऋणदाता’ बने रहेंगे। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में अदाणी समूह पर बाजार में हेराफेरी करने का आरोप लगाया गया था।
गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले प्रवर्तक समूह ने हाल में अपनी कंपनियों के शेयरों को गिरवी रखकर लिए गए कुल 2.5 अरब डॉलर के ऋण की पूरी अदायगी कर दी थी। हालांकि चर्चा का विषय यह है कि अदाणी समूह की कंपनियों को ऋण में वृद्धि के के लिए राजस्व और एबिटा के मोर्चे पर कुछ मानदंडों को पूरा करना होगा। मामले से अवगत सूत्रों ने कहा कि इससे डेढ़ साल के भीतर समूह के कर्ज बनाम एबिटा अनुपात को मौजूदा 3.1 गुना से घटाकर 2.5 गुना करने में मदद मिलेगी। फिलहाल समूह का शुद्ध कर्ज 1.98 लाख करोड़ रुपये आंका गया है।
कंपनियों के साथ चर्चा की गई है कि समूह के स्तर पर राजस्व और एबिटा में सालाना 22 फीसदी वृद्धि को बनाए रखा जा सकता है लेकिन ऋण में सालाना 11 फीसदी से अधिक वृद्धि नहीं होनी चाहिए।
अदाणी समूह के प्रवक्ता ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार किया। समूह का मानना है कि उसे अपनी विस्तार योजनाओं के लिए 4 से 5 अरब डॉलर की जरूरत होगी और उसकी व्यवस्था आंतरिक संसाधनों के जरिये हो जाएगी। हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण लगे झटके के बाद अदाणी एंटरप्राइजेज में 20,000 करोड़ रुपये के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीआई) से पीछे हटने के तीन महीने बाद बोर्ड ने इक्विटी एवं अन्य पात्र प्रतिभूतियों के जरिये रकम जुटाने के लिए बोर्ड की बैठक बुलाई है।
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जुटाई जाने वाली रकम के एक हिस्से का उपयोग ऋण की अदायगी में किया जाएगा। साथ ही कुछ रकम का उपयोग खास तौर पर अक्षय ऊर्जा एवं हवाई अड्डा कारोबार के विस्तार में किया जाएगा। अदाणी समूह अपने गैर-प्रमुख कारोबार की पहचान करने पर भी विचार कर सकता है। समूह ने ऐसी परिसंपत्तियों को बेचने से भी इनकार नहीं किया है। हालांकि अभी इस संबंध में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। जहां तक नए क्षेत्रों में उतरने का सवाल है तो समूह की योजनाओं से अवगत लोगों का कहना है कि वह फिलहाल इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) से दूर रहेगा। मगर, अदाणी समूह ईवी एवं अन्य विकल्पों के लिए देश भर में चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने पर काम कर रहा है।
जहां तक नए कारोबार दूरसंचार का सवाल है तो सूत्रों ने बताया कि फिलहाल वे केवल एंटरप्राइज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि समूह एंटरप्राइज में उपयोग के लिए मिलीमीटर बैंड में स्पेक्ट्रम खरीदारी के बाद 5जी सेवाओं में विस्तार की योजना बना रहा है। उसकी अधिकांश दूरसंचार सेवाएं फिलहाल निजी जरूरतों के लिए होंगी।