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Prosus ने बट्टे खाते में डाला Byju’s में अपना निवेश, कंपनी को हुआ 49.3 करोड़ डॉलर का घाटा

भारत में शायद पहली बार किसी निवेशक ने बट्टे में डाली है इतनी बड़ी रकम, पेयू और ​स्विगी में निवेश पर प्रोसस को हुआ है फायदा

Last Updated- June 24, 2024 | 9:28 PM IST
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निवेश फर्म प्रोसस ने एडटेक कंपनी बैजूस में अपनी 9.6 फीसदी हिस्सेदारी की पूरी कीमत बट्टे खाते में डाल दी है। यह संभवत: किसी प्रमुख निवेशक द्वारा टेक स्टार्टअप में अपने निवेश को बट्टे में डालने का सबसे बड़ा मामला है। प्रोसस ने वित्त वर्ष 2024 की सालाना रिपोर्ट में कहा कि उसे बैजूस में निवेश पर 49.3 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ है।

प्रोसस ने रिपोर्ट में कहा है, ‘चालू वित्त वर्ष में समूह ने बैजूस में अपनी 9.6 फीसदी हिस्सेदारी के वाजिब मूल्य को बट्टे में डाल दिया है क्योंकि इसके शेयरों में निवेश करने वालों के लिए कीमत में बड़ी गिरावट आई है। चालू वित्त वर्ष में अन्य आय में कुल 49.3 करोड़ डॉलर मूल्य का नुकसान दिखा है।’
प्रोसस ने 2019 से वि​भिन्न चरण में बैजूस में 53.6 करोड़ डॉलर का निवेश किया था।

निवेश को बट्टे में डालने के बारे में पूछे जाने पर प्रोसस के प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने वित्त वर्ष 2024 के अंत में बैजूस में अपने निवेश को शून्य कर दिया। वित्त वर्ष 2024 के लिए 49.3 करोड़ डॉलर के उचित मूल्य को बट्टे में डाला गया है। हमने बैजूस के निवेश को बट्टे में इसलिए डाला है क्योंकि हमें कंपनी की वित्तीय ​स्थिति, देनदारियों और भविष्य की योजना के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है।’

मामले के जानकार एक शख्स ने कहा, ‘भारत में संभवत: किसी बड़े संस्थागत निवेशक ने यह सबसे बड़ी राशि बट्टे खाते में डाली है। अतीत में भी कई कंपनियों ने अपना निवेश बट्टे खाते में डाला है या कम किया है मगर इतनी बड़ी रा​शि को बट्टे में डालने का यह पहला मामला है।’

नतीजों के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए प्रोसस के अंतरिम मुख्य कार्या​धिकारी इरविन टू ने कहा, ‘हम राइट निर्गम से इतर अपने निवेश और अन्य निवेशकों के हितों की सुरक्षा चाह रहे हैं। हमें कंपनी में संभावनाएं दिख रही हैं। हमारा मकसद कंपनी के संचालन में बदलाव लाना है और यह कदम इसीलिए उठाया गया है।’

बीते कुछ वर्षों में कई निवेशकों ने बैजूस का मूल्यांकन घटाया है। वित्तीय फर्म एचएसबीसी ने भी हाल में बैजूस के भविष्य पर आशंका जताते हुए कंपनी में प्रोसस के मूल्य को शून्य आंका था।

बैजूस इन दिनों नकदी संकट, वित्तीय विवरण जारी करने में देर, ऋणदाताओं और निवेशकों के साथ कानूनी विवाद सहित कई चुनौतियों से जूझ रही है।

नवंबर 2023 में प्रोसस ने बैजूस का मूल्यांकन 3 अरब डॉलर से भी कम कर दिया था। इससे पहले नवंबर 2022 में उसने बैजूस का मूल्यांकन कम करके 5.9 अरब डॉलर किया था। 2023 में प्रोसस के एक निदेशक ने बैजूस के बोर्ड से इस्तीफा दे दिया था। प्रोसस ने उस समय कहा था कि भारतीय कार्या​धिकारी की अगुआई वाला बैजूस का प्रबंधन नीतियों, परिचालन, कानूनी और कारोबार संचालन के मुद्दे पर दी जाने वाली सलाह को लगातार नजरअंदाज कर रहा है।

कंपनी की वित्तीय ​स्थिति और कारोबार संचालन के मसले पर प्रोसस के रसेल ड्रिसेन स्टॉक के साथ ही पीक-15 के जीवी शंकर और चेन जुकरबर्ग इनी​शिएटिव के विवियन वू ने भी बैजूस से इस्तीफा दे दिया था। वित्तीय नतीजों में देर के कारण बैजूस की ऑडिटर डेलॉयट ह​स्किन्स ऐंड सेल्स ने भी कंपनी का कामकाज छोड़ दिया था।

बैजूस कर्मचारियों को वेतन भी देर से दे पा रही है। बैजूस और उसके निवेशक कंपनी के 20 करोड़ डॉलर के राइट निर्गम पर राष्ट्रीय कंपनी वि​धि पंचाट (एनसीएलटी) में कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। कंपनी के चार निवेशकों प्रोसस, जनरल अटलांटिक, सोफिना और पीक-15 पार्टनर्स ने राइट निर्गम पर रोक लगाने की मांग की है क्योंकि इसे कंपनी के सर्वा​धिक 22 अरब डॉलर मूल्यांकन से 99 फीसदी कम उद्यम मूल्य पर लाया जा रहा है।

बैजूस ने दूसरे राइट निर्गम पर एनसीएलटी की रोक के आदेश को कर्नाटक उच्च न्यायालय में चुनौती दी है।

स्विगी से आय 24 फीसदी बढ़ी

प्रोसस ने भारत में ​स्विगी, पेयू और फार्मईजी जैसी कंपनियों में 700 करोड़ डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। प्रोसस ने कहा है कि जनवरी-दिसंबर 2023 के बीच ​स्विगी की आय 24 फीसदी बढ़ी है। प्रोसस ​स्विगी की सबसे बड़ी निवेशक है और कंपनी में उसकी हिस्सेदारी 32.6 फीसदी है।

​स्विगी 120 करोड़ डॉलर का आरं​भिक सार्वजनिक निर्गम लाने की तैयारी कर रही है। निर्गम में कंपनी करीब 3,750 करोड़ रुपये के नए शेयर जारी करना और मौजूदा शेयरधारकों के 6,664 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर पेश करना चाहती है।

पेयू में भी 22 फीसदी बढ़ी आय

प्रोसस ने कहा कि वित्त वर्ष 2024 में पेयू की कुल आय 22 फीसदी बढ़कर 110 करोड़ डॉलर रही। प्रोसस ने कहा कि मुख्य पीएसपी सेवाओं में भुगातन और फिनटेक की आय की हिस्सेदारी 88 फीसदी रही। इसमें पेयू इंडिया और पेयू ग्लोबल पेमेंट्स ऑर्गनाइजेशन की आय भी शामिल है।

First Published - June 24, 2024 | 9:28 PM IST

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