फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्म स्विगी ने बताया कि वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही के दौरान उसका समेकित शुद्ध घाटा बढ़कर 799 करोड़ रुपये हो गया है। नियामकीय सूचना से यह जानकारी मिली है। इसने एक साल पहले की अवधि में 574.4 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा दर्ज किया था
कंपनी का परिचालन से समेकित राजस्व सालाना आधार पर 31 प्रतिशत बढ़कर 3,993 करोड़ रुपये हो गया, जबकि वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में 3,049 करोड़ रुपये था। स्विगी की समेकित कुल आय भी वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही के दौरान 30.8 प्रतिशत बढ़कर 4,095.8 करोड़ रुपये हो गई, जबकि वित्त वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में यह 3,130.9 करोड़ रुपये थी।
शुद्ध घाटा बढ़ने के कारणों के बारे में पूछे जाने पर स्विगी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) राहुल बोथरा ने इसके लिए समायोजित एबिटा को जिम्मेदार बताया, जो फूड डिलिवरी और क्विक कॉमर्स में निवेश का संयोजन है। ईएसओपी शुल्क ने भी इसमें भूमिका निभाई।
बोथरा ने कहा, ‘तिमाही के दौरान समायोजित एबिटा में 149 करोड़ रुपये तक की वृद्धि हुई है। हमने वेयरहाउसिंग के साथ-साथ डार्क स्टोर के बुनियादी ढांचे पर जो पूंजीगत व्यय किया है, उसके परिणामस्वरूप मूल्यह्रास में वृद्धि हुई है।’
स्विगी की मुनाफे की राह और उससे संबंधित रणनीतियों के बारे में बोथरा ने कहा कि पिछली तिमाही में स्विगी ने 2025 में अक्टूबर-दिसंबर तिमाही तक कॉरपोरेट स्तर पर न लाभ, न हानि के समायोजित एबिटा का अनुमान जताया था। उन्होंने कहा कि कंपनी उस अनुमान के लिए प्रतिबद्ध है और यह फूड डिलिवरी के एबिटा मार्जिन के परिणामस्वरूप संचालित होगा, जहां कंपनी को दमदार वृद्धि दिख रही है।
स्विगी का सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) पिछले साल की तुलना में 38 प्रतिशत बढ़कर 12,165 करोड़ रुपये हो गया। समेकित समायोजित एबिटा घाटा सालाना आधार पर 2 प्रतिशत घटकर 490 करोड़ रुपये हो गया। लेकिन तिमाही आधार पर यह 149 करोड़ रुपये बढ़ गया। प्लेटफॉर्म का औसत एमटीयू (मासिक लेनदेन उपयोगकर्ता) सालाना आधार पर 25.3 प्रतिशत बढ़कर 1.78 करोड़ हो गया। कुल उपयोगकर्ताओं में से करीब एक-तिहाई उपयोगकर्ता प्लेटफॉम पर एक से ज्यादा सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।
स्विगी के फूड डिलिवरी कारोबार का सकल ऑर्डर मूल्य सालाना आधार पर 19.2 प्रतिशत बढ़कर 7,436 करोड़ रुपये हो गया। समायोजित एबिटा तिमाही आधार पर 63.7 प्रतिशत बढ़कर 184 करोड़ रुपये हो गया जिसने एक साल पहले के 0.3 प्रतिशत की तुलना में 2.5 प्रतिशत मार्जिन दिया है। स्विगी इंस्टामार्ट ने सकल ऑर्डर मूल्य में सालाना आधार पर 88 प्रतिशत (तिमाही आधार पर 15.5 प्रतिशत) की वृद्धि दर्ज की और यह बढ़कर 3,907 करोड़ रुपये हो गया। औसत ऑर्डर मूल्य में सालाना आधार पर 14 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह बढ़कर 534 रुपये हो गया।
पाइप विनिर्माता कंपनी वेलस्पन कॉर्प लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ दोगुना से अधिक होकर 672.19 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी ने शेयर बाजारों को यह जानकारी दी। पिछले वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर तिमाही कंपनी को 293.70 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था। हालांकि, समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय घटकर 3,656.57 करोड़ रुपये रह गई, जो पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 4,758.17 करोड़ रुपये थी। वेलस्पन कॉर्प का कुल व्यय घटाकर 3,351.36 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले वर्ष की समान तिमाही में 4,438.79 करोड़ रुपये था।
देश की दिग्गज आभूषण कंपनी पी सी ज्वैलर लिमिटेड का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में एकीकृत शुद्ध लाभ 147.96 करोड़ रुपये रहा है। कंपनी को पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 197.98 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था। पीसी ज्वेलर ने बताया कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में उसकी कुल आय कई गुना बढ़कर 683.44 करोड़ रुपये हो गई, जो पिछले वित्त की समान तिमाही में 43.48 करोड़ रुपये थी। पी सी ज्वेलर ने कहा कि त्योहारी और शादी के सीजन के कारण दिसंबर तिमाही के दौरान आभूषणों की मजबूत मांग रही।