Q3 Results: फूड एग्रीगेटर मंच जोमैटो ने गुरुवार को बताया कि लगातार तीसरी तिमाही में कंपनी के समेकित लाभ में इजाफा हुआ है। वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ एक साल पहले की इसी तिमाही के 36 करोड़ रुपये से करीब चार गुना बढ़कर 138 करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले की समान अवधि में कंपनी को 347 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था। कंपनी के वित्तीय नतीजे राजस्व और शुद्ध लाभ के मोर्चे पर विश्लेषकों के अनुमान से अधिक हैं।
वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में कंपनी का परिचालन से राजस्व 69 फीसदी बढ़कर 3,288 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इस अवधि में 1,948 करोड़ रुपये था। पिछली तिमाही में कंपनी का राजस्व 2,848 करोड़ रुपये था। गुरुग्राम की कंपनी का कुल व्यय सितंबर तिमाही 3,039 करोड़ रुपये से बढ़कर 3,383 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 2,485 करोड़ रुपये था।
क्विक कॉमर्स कारोबार ब्लिंकइट के साथ मिलकर जोमैटो का एबिटा भी लगातार तीसरी तिमाही में सकारात्मक रह कर 125 करोड़ रुपये रहा जो दूसरी तिमाही में 41 करोड़ रुपये था।ब्लूमबर्ग के अनुसार विश्लेषकों ने अनुमान जताया था कि वित्त वर्ष 2024 की तीसरी तिमाही में जोमैटो का राजस्व 3,100 करोड़ और शुद्ध लाभ 84.54 करोड़ रुपये रहेगा। जोमैटो ने अपने नतीजे बाजार बंद होने से थोड़ी देर पहले ही जारी किए। जोमैटो के शेयर बीएसई पर 2.42 फीसदी चढ़कर 144 रुपये पर बंद हुए जबकि गुरुवार को बाजार एक फीसदी गिरकर बंद हुआ।
तिमाही खत्म के दौरान कंपनी के पास 12,015 करोड़ रुपये की नकदी थी, जो पिछली तिमाही के 11,761 करोड़ रुपये से अधिक है। फूड डिलिवरी, क्विक कॉमर्स और गोइंग-आउट सहित जोमैटो के बीटूसी कारोबार में सकल ऑर्डर मूल्य (जीओवी) पिछली तिमाही के मुकाबले 13 फीसदी और एक साल पहले की समान तिमाही के मुकाबले 47 फीसदी बढ़कर 12,886 करोड़ रुपये हो गया।
जोमैटो के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी दीपेंदर गोयल ने शेयरधारकों को पत्र लिखकर कहा, ‘हमारा समेकित राजस्व सालाना आधार पर 40 फीसदी की हमारी उम्मीद से लगातार बढ़ रहा है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह सालाना आधार पर 50 फीसदी से अधिक बढ़ेगा।’
तीसरी तिमाही में जोमैटो के फूड डिलिवरी कारोबार का समायोजित राजस्व 2,025 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही में 1,925 करोड़ रुपये था। एक साल पहले की समान तिमाही में यह 1,565 करोड़ रुपये था। तिमाही आधार पर जोमैटो के फूड डिलिवरी कारोबार का जीओवी भी 6.3 फीसदी बढ़कर 8,486 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही में 7,980 करोड़ रुपये था। सालाना आधार पर इसका जीओवी 27 फीसदी बढ़ा, जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 6,680 करोड़ रुपये था।
वहीं कंपनी के क्विक कॉमर्स कारोबार ब्लिंकइट का राजस्व भी सितंबर तिमाही के 505 करोड़ रुपये से बढ़कर दिसंबर तिमाही में 644 करोड़ रुपये रहा। इसका जीओवी 3,542 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही में 2,760 करोड़ रुपये था।
कंपनी के बीटूबी व्यापार हाइपरप्योर का राजस्व भी दूसरी तिमाही के 745 करोड़ रुपये से बढ़कर तीसरी तिमाही में 859 करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की समान अवधि में 421 करोड़ रुपये था। इस बीच, इसका समायोजित एबिटा घाटा तीसरी तिमाही में भी 34 करोड़ रुपये रहा।
आर्सेलरमित्तल निप्पॉन स्टील इंडिया (एएम/एनएस इंडिया) ने गुरुवार को कहा कि कंपनी का एबिटा दिसंबर तिमाही में सालाना आधार पर 208 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 49.9 करोड़ डॉलर पर पहुंच गया। स्टील के ज्यादा शिपमेंट की बदौलत यह संभव हो पाया। एक साल पहले की इसी अवधि में कंपनी का एबिटा 16.2 करोड़ डॉलर रहा था। क्रमिक आधार पर एबिटा 6.4 फीसदी कम रहा जो पिछली तिमाही में 53.3 करोड़ डॉलर था और जिसमें प्राकृतिक गैस हेजिंग का कम असर शामिल है।
एएम/एनएस इंडिया ने दिसंबर तिमाही में रिकॉर्ड कच्चे इस्पात का उत्पादन किया और यह पिछले साल की इसी अवधि के 16.2 लाख टन के मुकाबले 21 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 19.6 लाख टन रहा। स्टील शिपमेंट 17.6 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 18.7 लाख टन रही, जो एक साल पहले की समान अवधि में 15.9 लाख टन थी।
दिसंबर 2023 में समाप्त पूरे साल के लिए एएम/एनएस इंडिया का एबिटा 1.9 अरब डॉलर रहा, जो एक साल पहले 1.3 अरब डॉलर था। वैश्विक स्टील कंपनी जनवरी से दिसंबर तक के वित्त वर्ष पर चलती है। कंपनी में आर्सेलरमित्तल की हिस्सेदारी 60 फीसदी है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी स्टील निर्माता ने 2.97 अरब डॉलर का नुकसान दर्ज किया जबकि पहले उसे 26.1 करोड़ डॉलर का मुनाफा हुआ था।
सार्वजनिक क्षेत्र की पावर फाइनैंस कॉरपोरेशन (पीएफसी) का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर, 2023) का एकीकृत शुद्ध लाभ 20 प्रतिशत उछाल के साथ 6,294.44 करोड़ रुपये रहा है। बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में कंपनी ने 5,241.10 करोड़ रुपये का एकीकृत मुनाफा कमाया था। पीएफसी लिमिटेड ने गुरुवार को शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि आलोच्य तिमाही में उसकी कुल आमदनी बढ़कर 23,593.40 करोड़ रुपये रही थी, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 19,662.65 करोड़ रुपये थी।
कंपनी के निदेशक मंडल की बृहस्पतिवार को हुई बैठक में 2023-24 के लिए 10 रुपये के चुकता इक्विटी शेयर पर 35 प्रतिशत या 3.50 रुपये प्रति इक्विटी शेयर के दूसरे अंतरिम लाभांश की घोषणा की गई। कंपनी ने एक अन्य बयान में कहा कि दिसंबर, 2023 तिमाही के अंत में उसके द्वारा दिया गया एकीकृत कर्ज 19 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 9,54,483 करोड़ रुपये हो गया है, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही के बाद 8,04,526 करोड़ रुपये था।
चालू वित्त वर्ष के पहले नौ माह में कंपनी का एकीकृत शुद्ध एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियां) 0.86 प्रतिशत के अपने न्यूनतम स्तर पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले इसी अवधि में 1.15 प्रतिशत थीं। इस अवधि में सकल एनपीए भी 0.78 प्रतिशत घटकर 3.13 प्रतिशत पर आ गया।
अपोलो हेल्थ एंटरप्राइेज (एएचईएल) का वित्त वर्ष 2023-24 की तीसरी तिमाही में शुद्ध लाभ 60 फीसदी बढ़कर 245.3 करोड़ रुपये रहा। यह एक साल पहले की समान अवधि में 153.5 करोड़ रुपये था। कंपनी के अस्पतालों में मरीजों की संख्या में वृद्धि और उसकी हेल्थको कारोबार के न नफा न नुकसान की स्थिति में आने से मुनाफे को बल मिला है।
कंपनी का परिचालन से राजस्व भी तीसरी तिमाही में 14 फीसदी बढ़कर 4,850.6 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 4,263.6 करोड़ रुपये था। कंपनी के मुख्य वित्त अधिकारी कृष्णन अखिलेश्वन ने कहा, ‘हमें उम्मीद थी कि हमारा हेल्थको कारोबार चौथी तिमाही में न नफा न नुकसान की स्थिति में आएगा मगर हमने इसे तीसरी तिमाही में ही हासिल कर लिया। आगे चलकर हमें उम्मीद कर रहे हैं इस कारोबार की 20 फीसदी वृद्धि होगी।’ समीक्षाधीन तिमाही के दौरान कंपनी का एबिटा 6,13.7 करोड़ रुपये रहा, जो वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 505.3 करोड़ रुपये था।
सार्वजनिक क्षेत्र की भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) का चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही का शुद्ध लाभ 49 प्रतिशत बढ़कर 9,444 करोड़ रुपये हो गया। देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी का शुद्ध लाभ बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 6,334 करोड़ रुपये रहा था।
एलआईसी कंपनी ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि अक्टूबर-दिसंबर, 2023 तिमाही में उसकी शुद्ध प्रीमियम आय बढ़कर 1,17,017 करोड़ रुपये हो गई, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 1,11,788 करोड़ रुपये थी। एलआईसी की कुल आय समीक्षाधीन तिमाही में बढ़कर 2,12,447 करोड़ रुपये हो गई, जो बीते वित्त वर्ष की समान तिमाही में 1,96,891 करोड़ रुपये रही थी।