वेदांता ने बुधवार को घोषणा की कि उसके एल्यूमिनियम बिजनेस के नए सीईओ के रूप में राजीव कुमार की नियुक्ति की गई है। यह फैसला उस समय लिया गया है जब कंपनी अपने विभिन्न व्यवसायों को अलग-अलग चार स्वतंत्र कंपनियों में विभाजित कर रही है।
बोर्ड की मंजूरी से हुई नियुक्ति
कंपनी ने एक आधिकारिक फाइलिंग में बताया कि बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने 26 मार्च, 2025 को हुई बैठक में राजीव कुमार को एल्यूमिनियम बिजनेस का सीईओ बनाने का फैसला किया। उन्हें वेदांता लिमिटेड में सीनियर मैनेजमेंट पर्सनल के रूप में भी शामिल किया गया है।
नामांकन और वेतन समिति (Nomination and Remuneration Panel) की सिफारिश पर बोर्ड ने राजीव कुमार की नियुक्ति तीन साल के लिए मंजूर की है।
तीस साल से ज्यादा का अनुभव
राजीव कुमार इससे पहले टाटा स्टील में कार्यरत थे और उनके पास स्टील और माइनिंग सेक्टर में 30 से अधिक वर्षों का अनुभव है।
कंपनी के अनुसार, राजीव कुमार वेदांता के एल्यूमिनियम बिजनेस की समग्र रणनीति (Overall Strategy) को लीड करेंगे। इसमें कंपनी के विभाजन (Demerger) की योजना, बिजनेस ग्रोथ के लिए नए साझेदार (Strategic Alliances) बनाना, मार्केटिंग और पर्यावरण-सामाजिक प्रशासन (ESG) पहल शामिल होंगे।
उनका ध्यान नवाचार (Innovation), डिजिटलीकरण (Digitalisation) और नई तकनीकों को अपनाने पर होगा ताकि बिजनेस को ट्रांसफॉर्म किया जा सके और शेयरहोल्डर्स तथा अन्य हितधारकों को दीर्घकालिक लाभ मिल सके।
वेदांता का विभाजन और नई कंपनियां
वेदांता लिमिटेड के चेयरमैन अनिल अग्रवाल पहले ही इस बात को स्पष्ट कर चुके हैं कि कंपनी चार अलग-अलग इकाइयों में विभाजित होकर अपनी वैल्यू अनलॉक (Value Unlock) करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस विभाजन के बाद बनने वाली चार कंपनियां 100 अरब डॉलर (USD 100 Billion) तक की कंपनियां बनने की क्षमता रखती हैं।
वेदांता के विभाजन के तहत, हर वेदांता शेयरहोल्डर को चार नई कंपनियों के एक-एक अतिरिक्त शेयर मिलेंगे जब यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी।
विभाजन के बाद बनने वाली नई कंपनियां
यह फैसला 2023 में लिया गया था जब वेदांता को 2020 में प्राइवेट कंपनी बनाने की कोशिशों में सफलता नहीं मिली थी। अब यह नया ढांचा कंपनी के संचालन को और मजबूत बनाएगा।