रिलायंस कैपिटल के क्रेडिटर्स ने दिवालिया कंपनी की प्रॉपर्टी बेचने के लिए दूसरी नीलामी को एक सप्ताह यानी 11 अप्रैल तक के लिए टाल दिया है।
ऋणदाताओं की तरफ से यह कदम पहले दौर में उच्चतम बोली लगाने वाले टोरेंट ग्रुप के सुप्रीम कोर्ट का रुख करने के बीच उठाया गया है।
टोरेंट इंवेस्टमेंट की ओर से रिलायंस कैपिटल के दूसरे दौर की नीलामी को लेकर विरोध किया गया था, जिसे लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया और हाल ही के सप्ताह में सुप्रीम कोर्ट ने दूसरे दौर की नीलामी की अनुमति दे दी थी।
ऋणदाताओं को उम्मीद है कि हिंदुजा समूह और टोरेंट दूसरी नीलामी में भाग लेंगे तो दूसरे दौर की नीलामी ज्यादा फंड प्राप्त होगा।
एक सूत्र ने कहा कि अमेरिकी वित्तीय सेवा कंपनी ओकटी भी इस दौड़ में शामिल हो सकती है।
ऐसे में उधारदाताओं ने बोली लगाने वालों को बोली तैयार करने के लिए अतिरिक्त समय देने का फैसला किया है क्योंकि प्रतिस्पर्धा अगले दौर में ऊपर जाने की संभावना है।
लेनदारों की समिति (COC) ने भी बोली लगाने वालों को आश्वासन दिया है कि वह नतीजे आने के बाद नीलामी प्रक्रिया से बाहर के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं करने के उनके अनुरोध पर विचार करेगी। यह उधारदाताओं के लिए अधिकतम मूल्य और बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करेगा।