facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

RIL का मेगा प्लान, न्यू एनर्जी और पेट्रोकेमिकल सेक्टर में ₹1.5 लाख करोड़ का निवेश

रिलायंस का मानना है कि वित्त वर्ष 2029 से 2031 के बीच नई ऊर्जा कारोबार का मुनाफा उसके पारंपरिक ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) बिजनेस के बराबर हो जाएगा।

Last Updated- April 27, 2025 | 6:19 PM IST
Reliance
Representative Image

मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (RIL) ने नई ऊर्जा कारोबार और पेट्रोकेमिकल विस्तार में ₹75,000 करोड़-₹75,000 करोड़ यानी कुल ₹1.5 लाख करोड़ निवेश करने की योजना बनाई है। कंपनी ने हाल ही में अपनी FY25 की नतीजों के साथ यह जानकारी दी।

अंबानी ने कहा, “हमने नवीकरणीय ऊर्जा और बैटरी परियोजनाओं के लिए मजबूत आधार तैयार कर लिया है। आने वाले तिमाहियों में यह कारोबार इनक्यूबेशन से ऑपरेशनल फेज में पहुंचेगा। मुझे पूरा विश्वास है कि नया ऊर्जा क्षेत्र रिलायंस, भारत और पूरी दुनिया के लिए जबरदस्त मूल्य सृजन करेगा।”

सोलर एनर्जी और बैटरी निर्माण में तेजी

रिलायंस ने 1 गीगावाट क्षमता वाला हेटेरोजंक्शन (HJT) सोलर मॉड्यूल निर्माण संयंत्र चालू कर दिया है। कंपनी का लक्ष्य है कि 2026 तक इसे 10 गीगावाट की पूरी तरह एकीकृत क्षमता तक बढ़ाया जाए। इस विस्तार से कंपनी के Ebitda में ₹6,000 करोड़ का इजाफा होने की उम्मीद है।

कंपनी का मानना है कि वित्त वर्ष 2029 से 2031 के बीच नई ऊर्जा कारोबार का मुनाफा उसके पारंपरिक ऑयल-टू-केमिकल्स (O2C) बिजनेस के बराबर हो जाएगा। भविष्य में यह सेगमेंट समेकित शुद्ध लाभ में 50% से ज्यादा योगदान दे सकता है।

निवेश और उत्पादन योजनाएं

रिलायंस के CFO वी श्रीकांत ने कहा कि, “नई ऊर्जा परियोजनाओं के लिए ₹75,000 करोड़ निवेश का लक्ष्य पहले ही लगभग पूरा हो चुका है। अब बड़े निवेश तब शुरू होंगे जब सौर पैनल्स से बिजली उत्पादन चालू होगा।”

श्रीकांत ने यह भी बताया कि भविष्य में पूंजीगत व्यय (capex) राजस्व के अनुपात में अधिक संतुलित रहेगा।

कंपनी अधिकारियों के अनुसार, पॉलीसिलिकॉन, सेल मॉड्यूल, ग्लास और POE सहित पूरी वैल्यू चेन के लिए इंजीनियरिंग कार्य पूरा हो चुका है। जरूरी उपकरणों के ऑर्डर दे दिए गए हैं और निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। सभी फैक्ट्रियों को 2025 के अंत या 2026 की शुरुआत तक चालू करने का लक्ष्य है।

बैटरी उत्पादन में भी तेजी

बैटरी तकनीक के क्षेत्र में रिलायंस लिथियम आयरन फॉस्फेट (LFP) पर ध्यान दे रही है। बड़ी बैटरी बनाने के लिए कंपनी प्रिजमैटिक सेल्स पर काम कर रही है। 2026 तक बैटरी पैक निर्माण शुरू करने और फिर सेल निर्माण तक जाने की योजना है।

रिलायंस की योजना 30 गीगावाट बैटरी निर्माण क्षमता विकसित करने की है। कंपनी पूरी वैल्यू चेन तैयार कर रही है, जिसमें बैटरी सामग्री से लेकर सेल और पैक तक सब कुछ शामिल है।

गुजरात में बड़े स्तर पर सौर और ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट

गुजरात के कच्छ क्षेत्र में रिलायंस ने बड़े पैमाने पर बंजर जमीन अधिग्रहित की है, जहां से पूरी तरह विकसित होने पर हर साल लगभग 150 अरब यूनिट बिजली उत्पादन हो सकेगा। कंपनी धीरे-धीरे यहां सौर पैनलों की तैनाती करेगी।

इसके अलावा, कांडला में रिलायंस ने 2,000 एकड़ भूमि ग्रीन हाइड्रोजन इकोसिस्टम विकसित करने के लिए अधिग्रहीत की है। यहां नॉर्वे की कंपनी नेल ASA के साथ मिलकर इलेक्ट्रोलाइज़र बनाने का काम जारी है।

पूरी वैल्यू चेन का निर्माण

रिलायंस का फोकस पूरी वैल्यू चेन — सौर ऊर्जा से लेकर बैटरी निर्माण और ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन तक — को एकीकृत करने पर है। कंपनी ने कहा कि सौर मॉड्यूल से ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन तक की पूरी प्रक्रिया को एक साथ जोड़ने वाला ऐसा मॉडल फिलहाल दुनिया में बहुत कम देखने को मिलता है।

कंपनी के अधिकारियों ने बताया कि रिलायंस का सौर उत्पादन कॉम्प्लेक्स 5,000 एकड़ में फैला है, जहां अत्याधुनिक तकनीक के साथ सस्ती लागत में उत्पाद तैयार किए जा रहे हैं। रिलायंस का दावा है कि उसकी सौर मॉड्यूल लागत आयातित विकल्पों की तुलना में काफी कम होगी।

रिलायंस ने अपने कम्प्रेस्ड बायोगैस (CBG) कारोबार को भी तेजी से बढ़ाने की योजना दोहराई है। कंपनी का लक्ष्य अपनी स्वच्छ ऊर्जा रणनीति को और मजबूत करना है।

भारत में निवेश अमेरिकी कंपनियों के भविष्य के लिए लाभदायक होगा- आरबीआई गवर्नर

बहुत कीमती खनिज पर Vedanta Group की नजर; अभी तक होता है आयात

First Published - April 27, 2025 | 3:26 PM IST

संबंधित पोस्ट