Rental Demand: कंपनियां अब वर्क फ्रॉम होम की बजाय ऑफिस से काम करने पर अधिक जोर दे रही हैं। जिससे मकानों की मांग बढ़ने से किराये में भी इजाफा हो रहा है। इस साल की पहली तिमाही में सालाना और तिमाही दोनों आधार पर किराये में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। रियल एस्टेट प्लेटफार्म मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रमुख शहरों में सालाना आधार पर किराया 16 फीसदी और तिमाही आधार पर करीब 3 फीसदी बढ़ा है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 10 से 30 हजार रुपये प्रति माह किराये वाले मकानों की कुल मांग में हिस्सेदारी 42 फीसदी है।
मैजिकब्रिक्स ने 2024 की जनवरी-मार्च अवधि के लिए 13 प्रमुख शहरों में किराये पर मकानों की मांग और किराये पर रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार सालाना आधार पर सबसे अधिक 32.1 फीसदी किराया ग्रेटर नोएडा में बढ़ा है। इसके बाद 24.5 फीसदी गुरुग्राम, 23.7 फीसदी बेंगलूरु में, हैदराबाद में 22.9 फीसदी, नोएडा में 19.3 फीसदी, चेन्नई में 18.9 फीसदी, नवी मुंबई में 18.2 फीसदी, थाणे में 17.7 फीसदी, पुणे में 14.4 फीसदी, दिल्ली में 14.2 फीसदी, कोलकाता में 13.3 फीसदी, मुंबई में 12.3 फीसदी किराया बढ़ा है। जबकि अहमदाबाद में सबसे कम 8.3 फीसदी किराये में बढ़ोतरी हुई है। इस रिपोर्ट के अनुसार देश भर में सालाना आधार पर किराये में 16 फीसदी इजाफा हुआ है, जबकि तिमाही आधार पर यह वृद्धि 2.8 फीसदी रही। पिछली तिमाही यानी अक्टूबर-दिसंबर 2023 की तुलना में किराया 1.6 फीसदी बढ़ा।
वर्क फ्रॉम होम लगभग खत्म होने से किराये के मकानों की मांग भी तेजी से बढ़ रही है। इस साल की पहली तिमाही में तिमाही आधार पर किराये के मकानों की मांग में 16 फीसदी इजाफा हुआ है। सबसे अधिक 24.9 फीसदी किराये के मकानों की मांग चेन्नई में बढ़ी। इसके बाद नवी मुंबई में 20.1 फीसदी, नोएडा में 19.2 फीसदी, हैदराबाद में 18.6 फीसदी, बेंगलूरु में 15 फीसदी, पुणे में 15.1 फीसदी, थाणे में 14.6 फीसदी और अहमदाबाद में 14.6 फीसदी किराये के मकानों की मांग में इजाफा हुआ।
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इसके साथ ही दिल्ली में किराये वाले मकानों की मांग 14 फीसदी, मुंबई में 12.4 फीसदी, गुरुग्राम में 12.9 फीसदी और कोलकाता में 9.2 फीसदी बढ़ गई। हालांकि किराये में सबसे अधिक बढ़ोतरी दर्ज करने वाले ग्रेटर नोएडा में मकानों की मांग सबसे कम 3.9 फीसदी ही बढ़ी। तिमाही आधार पर भले ही किराये के मकानों की मांग ज्यादा हो। लेकिन सालाना आधार पर इसमें 5.7 फीसदी की कमी आई है। किराये के मकानों की आपूर्ति सालाना आधार पर 1.4 फीसदी घटी है, जबकि तिमाही आधार पर इसमें 1.8 फीसदी इजाफा हुआ है।
मेजिकब्रिक्स में रिसर्च हेड अभिषेक भद्र (bhadra) ने कहा कि 2020 से पहले किराये में औसत वृद्धि 3 फीसदी के करीब थी। 2022 के बाद ऑफिस फिर से शुरू होने के बाद किराये के मकानों की मांग में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होने से किराया भी बढ़ा है। किराये में यह वृद्धि अगले कुछ महीनों तक जारी रह सकती है क्योंकि आमतौर पर वित्त वर्ष की पहली दो तिमाही के दौरान किराये के मकानों की मांग पीक पर होती है। उन्होंने कहा कि बेंगलूरु, गुरुग्राम और हैदराबाद जैसे आईटी हब और नोएडा जैसे आवासीय क्षेत्रों में किराया उम्मीद के अनुरूप बढ़ा है।