डिजिटल कारोबार परिवर्तन क्षेत्र की फ्रांस की कंपनी पब्लिसिस सैपिएंट के लिए भारत राजस्व सृजित करने वाला बाजार बन गया है। वह देश में अपनी मौजूदगी बनाने की इच्छुक बहुराष्ट्रीय कंपनियों के वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) के साथ काम कर रही है। पब्लिसिस ने सदी के अंत में भारत में परिचालन शुरू किया था। लेकिन वह मुख्य रूप से रणनीतिक प्रतिभा आधार वाला क्षेत्र था जिसमें लुफ्थांसा, निसान और कारफू जैसे अपने ग्राहकों को सेवाएं देने के लिए था। वर्तमान में देश में उसके 10,000 से ज्यादा कर्मचारी हैं, जो वैश्विक कर्मचारियों की संख्या का लगभग आधा हिस्सा है।
पब्लिसिस सैपिएंट के प्रबंध निदेशक (भारत) संजय मेनन ने बिजनेस स्टैंडर्ड से बातचीत में कहा, ‘जीसीसी हमारे उच्च वृद्धि वाले कारोबारों में से एक हैं और हाल के समय में हम भारत को राजस्व सृजित करने वाले बाजार के रूप में देख रहे हैं जो प्रतिभा बाजार से ऊपर है।’ उन्होंने भारत के कारोबार की मात्रा या इसकी वृद्धि के अनुमानों के बारे में आंकड़े साझा करने से इनकार कर दिया।
एचएफएस रिसर्च की साल 2024 की रिपोर्ट के अनुसार बैंकों, खुदरा विक्रेताओं, एरोस्पेस कंपनियों और अन्य क्षेत्रों के जीसीसी की संख्या साल 2029 तक 2,500 से अधिक हो जाने की उम्मीद है जो साल 2025 में करीब 1,800 थी। इस अवधि के दौरान इन केंद्रों पर कर्मचारियों की संख्या करीब दोगुनी होकर 40 लाख होने की संभावना है। पब्लिसिस सैपिएंट अपने वैश्विक वितरण मॉडल (जीडीडी) के साथ भारतीय जीसीसी संग काम करती है और वह अपने जेनएआई टूल डीबीटी जीपीटी का इस्तेमाल करके उनके बदलाव में मदद करती है।