तंबाकू क्षेत्र की दिग्गज कंपनी गॉडफ्रे फिलिप्स इंडिया लिमिटेड (जीपीआईएल) के निदेशक समीर मोदी ने अनुरोध किया है कि परिवार के चार सदस्यों की राय अलग अलग होने के कारण उन्हें 6 सितंबर को होने वाली सालाना आम बैठक (एजीएम) में ट्रस्ट में उनके प्रभावी हिस्से के आधार पर व्यक्तिगत रूप से वोट देने की अनुमति दी जानी चाहिए।
जीपीआई में परिवार के सदस्यों की हिस्सेदारी एक ट्रस्ट के माध्यम से बराबर है जिसमें भाई समीर और ललित (जिनकी भी यही राय है) और मां बीना मोदी और बेटी चारू (जो अपनी मां का समर्थन करती हैं) सदस्य हैं। समीर ने सोमवार को दिल्ली में बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ एक साक्षात्कार में यह तर्क दिया कि 12 प्रतिशत वोट वाले प्रत्येक सदस्य को एजीएम में व्यक्तिगत रूप से वोट देने की अनुमति दी जानी चाहिए।
एजीएम में जिन विवादास्पद प्रस्तावों पर मतदान होगा, उनमें ‘कदाचार’ के आधार पर जीपीआई के बोर्ड से समीर मोदी को सेवानिवृत्त करने का प्रस्ताव, बीना मोदी को अगले पांच वर्षों के लिए प्रबंध निदेशक के रूप में पुनः नियुक्त करना तथा बहन चारु मोदी (जो अपनी मां का समर्थन करती हैं) को लेना शामिल है।
समीर मोदी का कहना है, ‘इस पारिवारिक विवाद से किसी का भला नहीं होगा, शेयरधारक वैल्यू घट जाएगी, कंपनी की संस्कृति भी प्रभावित होगी और इसका असर कर्मचारियों पर पड़ेगा। चूंकि हम चारों के बीच कोई समान राय नहीं है, इसलिए हमने जो दलील दी है, वह यह है कि हममें से प्रत्येक को एजीएम में व्यक्तिगत रूप से वोट करने की अनुमति दी जाए, जिसमें प्रत्येक के लगभग 12 प्रतिशत शेयर हैं, न कि मेरी मां को प्रबंधन ट्रस्टी के रूप में 47 प्रतिशत के ब्लॉक के रूप में वोट करने दिया जाए।’
इस याचिका पर निर्णय उस अदालत में किया जाएगा जहां सुनवाई चल रही है। मोदी का कहना है कि सितंबर 2026 तक कार्यकाल होने के बावजूद निदेशक पद से उन्हें हटाने के लिए एजीएम में 51 प्रतिशत शेयरधारकों की सहमति की आवश्यकता होगी। समीर के अनुसार चारु मोदी को कार्यकारी निदेशक के रूप में बोर्ड में शामिल करने के लिए 75 प्रतिशत समर्थन की आवश्यकता होगी, जबकि उनकी मां को जीपीआई के एमडी के रूप में फिर से नियुक्त होने के लिए भी इतने ही प्रतिशत वोटों की जरूरत होगी। मोदी ने कहा कि बोर्ड यह स्पष्ट करे कि उन्हें हटाने का क्या कारण है।
अन्य बड़ी शेयरधारक फिलिप मॉरिस है, जिसकी जीपीआई में 25 प्रतिशत हिस्सेदारी है। लेकिन मोदी का कहना है कि वे आम तौर पर परिवार से जुड़े किसी भी विवादास्पद मुद्दे पर बोलने से बचते रहे हैं।