प्रतिभूति अपील पंचाट (SAT) ने सोमवार को एस्सेल समूह (Essel group) के चेयरमैन सुभाष चंद्रा और ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज (Zee Entertainment Enterprises) के प्रबंध निदेशक (MD) व सीईओ (CEO) पुनीत गोयनका की उस अपील को खारिज कर दिया, जो उन्होंने रकम की कथित हेराफेरी मामले में बाजार नियामक सेबी के आदेश के खिलाफ दाखिल की थी।
Zee में रकम की कथित हेराफेरी मामले में 12 जून को सेबी ने गोयनका व चंद्रा को सभी सूचीबद्ध कंपनियों में अहम प्रबंधकीय पद लेने व निदेशक बनने से रोक दिया था।
न्यायमूर्ति तरुण अग्रवाल की अगुआई वाले SAT के पीठ ने कहा कि इस समय सेबी के आदेश पर हस्तक्षेप करने की उसे कोई वजह नहीं दिख रही। ट्रिब्यूनल ने ज़ी के प्रमोटरों को दो हफ्ते के भीतर अपना जवाब देने का निर्देश दिया है।
ट्रिब्यूनल ने सेबी से यह भी कहा है कि वह गोयनका व चंद्रा की तरफ से जवाब दाखिल किए जाने के एक हफ्ते के भीतर सुनवाई की तारीख तय करे। सुनवाई का उचित मौका दिए जाने के बाद बाजार नियामक को दो हफ्ते के भीतर उपयुक्त आदेश पारित करना होगा।
हालांकि SAT ने बाजार नियामक को किसी तरह का पक्षपात समाप्त करने के लिए जांच की खातिर एक अन्य पूर्णकालिक सदस्य की नियुक्त करने का निर्देश दिया।
सेबी के पूर्णकालिक सदस्य अश्विनी भाटिया ने Zee के प्रमोटरों के खिलाफ अंतरिम आदेश जारी किया था। साथ ही उन्होंने एस्सेल समूह की फर्म शिरपुर गोल्ड रिफाइनरी (Shirpur Gold Refinery) के खिलाफ भी अप्रैल में आदेश जारी किया था। वह इस मामले में निपटान आवेदन पर विचार करने वाली समिति का हिस्सा भी थे।
सैट (SAT) का राय है, इस बात की संभावना है कि निपटान कार्यवाही में हुई चर्चा से पूर्णकालिक सदस्य प्रभावित हुए होंगे।
SAT ने कहा, हमारी राय में पूर्णकालिक सदस्य को भौतिक साक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जो रिकॉर्ड में हो और वैसी सूचना को तवज्जो नहीं देनी चाहिए जो उनकी व्यक्तिगत जानकारी में हो।
SAT ने कहा, इसके कोई रिकॉर्ड नहीं हैं जिससे संकेत मिले कि संबंधित इकाइयों की तरफ से हुए पुनर्भुगतान के बारे में 2019-20 में सेबी या स्टॉक एक्सचेंज को जानकारी दी गई हो। ये सूचना तब आई जब ज़ी ने 8 मई, 2023 को इसकी जानकारी दी। ऐसे में इस चरण में प्रथम दृष्टया आदेश जारी करने में देरी नहीं की गई।
Zee-Sony India के मर्जर पर NCLT में सुनवाई पूरी
नैशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) के मुंबई पीठ ने सोमवार को ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज और सोनी इंडिया के मर्जर मामले में सुनवाई पूरी कर ली।
सुनवाई के दौरान ज़ी एंटरटेनमेंट के प्रबंध निदेशक (MD) व सीईओ (CEO) पुनीत गोयनका के वकील ने कहा कि कंपनी की 96 फीसदी हिस्सेदारी सार्वजनिक निवेशकों के पास है और किसी भी शेयरधारक ने Zee व Sony India के मर्जर का विरोध नहीं किया है। विलय योजना को प्रभावी बनाने के लिए NCLT की मंजूरी अहम कानूनी मील का पत्थर है।
Zee Entertainment का शेयर सोमवार को 2.4 फीसदी टूटकर 201.5 रुपये पर बंद हुआ।