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SC ने Jet Airways मामले में एनसीएलएटी के आदेश के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा

एनसीएलएटी ने बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखते हुए इसका स्वामित्व जालान कलरॉक गठजोड़ को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी थी

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भाषा   
Last Updated- October 16, 2024 | 2:33 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) और अन्य की उस याचिका पर अपना फैसला बुधवार को सुरक्षित रख लिया जिसमें राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश को चुनौती दी गई थी।

एनसीएलएटी ने बंद पड़ी विमानन कंपनी जेट एयरवेज की समाधान योजना को बरकरार रखते हुए इसका स्वामित्व जालान कलरॉक गठजोड़ (जेकेसी) को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी थी।

भारत के प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति जे. बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखने से पहले दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं।।

अपीलकर्ता बैंकों तथा अन्य की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एन. वेंकटरमन पेश हुए और कलरॉक गठजोड़ का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने किया। एनसीएलएटी ने बंद हो चुकी इस एयरलाइन की समाधान योजना को 12 मार्च को बरकरार रखा था और इसके स्वामित्व को जेकेसी को हस्तांतरित करने को मंजूरी दी थी।

अपीलीय न्यायाधिकरण ने जेट एयरवेज की निगरानी समिति को 90 दिन के भीतर स्वामित्व हस्तांतरण पूरा करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, एनसीएलएटी ने जेट एयरवेज के ऋणदाताओं को गठजोड़ द्वारा प्रदर्शन बैंक गारंटी (पीबीजी) के रूप में भुगतान किए गए 150 करोड़ रुपये को समायोजित करने का भी निर्देश दिया था। इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और जेसी फ्लावर्स एसेट रिकंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।

First Published : October 16, 2024 | 2:33 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)