HCL के संस्थापक अरबपति शिव नादर ने अपनी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा को HCL कॉर्प और वामा दिल्ली में अपनी 47 प्रतिशत हिस्सेदारी एक रणनीतिक उत्तराधिकार योजना के तहत उपहार में दी है। HCL ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा कि इस फैसले के मल्होत्रा वामा दिल्ली और HCL कॉर्प में नियंत्रण हासिल कर लेंगी और इन दोनों की बहुसंख्यक शेयरधारक बन जाएंगी। साथ ही वामा दिल्ली और HCL कॉर्प में अपनी हिस्सेदारी के आधार पर, वह HCL इन्फोसिस्टम्स लिमिटेड और HCL टेक की सबसे बड़ी शेयरधारक बन जाएंगी।
वह वामा दिल्ली द्वारा रखी गई 12.94 प्रतिशत हिस्सेदारी और HCL कॉर्प द्वारा रखी गई 49.94 प्रतिशत हिस्सेदारी के संबंध में HCL इन्फोसिस्टम्स में मतदान अधिकार (voting rights) पर नियंत्रण हासिल कर लेंगी। HCL टेक में, वह वामा दिल्ली द्वारा रखी गई 44.17 प्रतिशत हिस्सेदारी और HCL कॉर्प से 0.17 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल करेंगी।
कंपनी ने अपनी फाइलिंग में कहा, “6 मार्च, 2025 को शिव नादर द्वारा अपनी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा के पक्ष में एक उपहार पत्र (gift deed) पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें वामा सुंदरी इन्वेस्टमेंट्स (दिल्ली) प्राइवेट लिमिटेड में उनकी 47 प्रतिशत हिस्सेदारी का ट्रांसफर किया गया और 6 मार्च, 2025 को शिव नादर द्वारा अपनी बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा के पक्ष में एक और उपहार पत्र पर हस्ताक्षर किए गए, जिसमें HCL कॉर्पोरेशन प्राइवेट लिमिटेड में उनकी 47 प्रतिशत हिस्सेदारी का हस्तांतरण किया गया।”
इस ट्रांसफर से परिवार के नेतृत्व को HCL के भविष्य के विकास में मजबूती मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने फाइलिंग में कहा, “उपहार पत्र एक निजी पारिवारिक व्यवस्था के तहत तैयार किए गए हैं, जिसका उद्देश्य उत्तराधिकार को सुव्यवस्थित करना है, जो शिव नादर परिवार (प्रमोटर परिवार) द्वारा स्वामित्व और नियंत्रण की निरंतरता सुनिश्चित करेगा और कंपनी को स्थिरता देगा।”
कैपिटल मार्केट नियामक सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) ने मल्होत्रा को ओपन ऑफर बनाने से छूट दी है, जिससे शेयरों का ट्रांसफर आसानी से हो सकेगा। उपहार पत्रों पर हस्ताक्षर करने से ठीक पहले, पिता और बेटी के पास वामा दिल्ली और HCL कॉर्प में क्रमशः 51 प्रतिशत और 10.33 प्रतिशत हिस्सेदारी थी।
शिव नादर की बेटी रोशनी नादर मल्होत्रा के पास नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से कम्युनिकेशंस में स्नातक डिग्री और केलॉग स्कूल ऑफ मैनेजमेंट से MBA की डिग्री है। वह अभी HCL टेक की चेयरपर्सन हैं, जो एक बहुराष्ट्रीय आईटी सर्विसेज और कंसल्टिंग फर्म है। उन्होंने जुलाई 2020 में अपने पिता से इस 12 बिलियन अमेरिकी डॉलर की टेक्नोलॉजी कंपनी की जिम्मेदारी संभाली थी। अपनी कॉर्पोरेट भूमिका के अलावा, वह शिव नादर फाउंडेशन के माध्यम से परोपकारी कामों में शामिल रहती हैं, जो शिक्षा पर केंद्रित है और भारत के कुछ शीर्ष कॉलेजों और स्कूलों की स्थापना कर चुका है। साथ ही यह संस्था द हैबिटेट्स ट्रस्ट के जरिए संरक्षण प्रयासों में भी योगदान देती है।