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डेटा सेंटरों के लिए बने सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम

वैश्विक बाजार में सिंगापुर के आर्थिक विकास बोर्ड (ईडीबी) ने सभी डेटा सेंटर निवेश संबंधी अनुमोदनों के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था की है।

Last Updated- June 28, 2024 | 10:14 PM IST
डेटा सेंटरों के लिए बने सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम, Introduce a single window clearance system for data centres: PwC-Assocham

प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (पीडब्ल्यूसी) और एसोचैम की रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार को डेटा सेंटर उद्योग के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम यानी एक ही जगह सभी तरह की मंजूरी की व्यवस्था पेश करना चाहिए ताकि लंबी और बोझिल अनुमोदन प्रक्रिया को सरल बनाया जा सके।

‘द स्ट्रैटिजिक रोल ऑफ डेटा सेंटर्स इन एम्पावरिंग इंडियाज डिजिटल रिवोल्यूशन’शीर्षक वाली रिपोर्ट में कहा गया है कि डेटा सेंटर उद्योग को कई प्राधिकरणों से जुड़ी कुछ लंबी और बोझिल अनुमोदन प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे परियोजनाओं की समयसीमा में देरी हो सकती है और लागत भी बढ़ सकती है।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इसके समाधान के लिए सरकार को अनुमोदन प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करना होगा और इसके लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम लागू करना चाहिए। इससे विभिन्न विभागों से आवश्यक अनुमतियों को केंद्रीकृत और त्वरित करने में मदद मिलेगी।’

फिलहाल, सिर्फ महाराष्ट्र सरकार ही इस उद्योग के लिए सिंगल विंडो क्लियरेंस सिस्टम की अनुमति दे रही है। वैश्विक बाजार में सिंगापुर के आर्थिक विकास बोर्ड (ईडीबी) ने सभी डेटा सेंटर निवेश संबंधी अनुमोदनों के लिए सिंगल विंडो की व्यवस्था की है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उद्योग की वृद्धि के लिए स्पष्ट, सुसंगत नियमों की जरूरत है। कहा गया है, ‘भूमि अधिग्रहण और पर्यावरण संबंधी मंजूरी सहित डेटा सेंटर लगाने के लिए अनुमोदन प्रक्रियाओं को व्यवस्थित करने से सेटअप समय और लागत में भी कमी आ सकती है।’

इंटरनेट ऑफ थिंग्स, आर्टिफिशल इंटेलिजेंस, 5जी और क्वांटम कंप्यूटिंग जैसी आधुनिक तकनीकों को तेजी से अपनाने के बीच भारत में डेटा केंद्रों का महत्त्व काफी बढ़ गया है। एरिक्सन के मुताबिक, साल 2028 तक भारतीय दुनिया भर में डेटा का सर्वाधिक उपयोग करेंगे।भारतीय हर महीने 62 जीबी डेटा का उपयोग करेंगे, जो अमेरिका, पश्चिमी यूरोप और चीन जैसे विकसित देशों के मुकाबले कहीं ज्यादा है। उद्यम खंड में भारत में बिग डेटा एनालिटिक्स उद्योग मौजूदा स्तर से आठ गुना तक बढ़ने की उम्मीद है और साल 2025 तक इसके 16 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो अभी 2 अरब डॉलर है।

पीडब्ल्यूसी-एसोचैम की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि डेटा सेंटरों में पावर कूलिंग और बुनियादी ढांचे के रखरखाव से संबंधित भारी खर्च भी शामिल हैं। केंद्र नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाने के लिए सब्सिडी अथवा प्रोत्साहन दे सकता है, जिससे परिचालन खर्च में कमी आएगी और स्थायित्व को बढ़ावा मिलेगा। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘नवीकरणीय ऊर्जा के उपयोग के लिए सरकारी प्रोत्साहन और पर्यावरणीय नियम ग्रीन डेटा सेंटर की ओर बदलाव ला सकते हैं।’

First Published - June 28, 2024 | 10:14 PM IST

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