देश के सालाना 13 करोड़ घड़ियों के बाजार में एक बदलाव देखने को मिल रहा है। जहां स्मार्ट वॉच की बिक्री में जबरदस्त उछाल आई है, वहीं एनालॉग (पारंपरिक) घड़ियों की चमक भी कम नहीं हुई है और वे प्रीमियम फीचर पर खासा ध्यान देते हुए आगे बढ़ रही हैं।
स्मार्ट वॉच को एनालॉग जैसा बनाने के प्रयास भी जारी हैं। टाइटन कंपनी लिमिटेड की मुख्य कार्य अधिकारी (वॉच ऐंड वियरेबल अनुभाग) सुपर्णा मित्रा ने कहा, ‘पिछले चार वर्षों में हमारे सभी ब्रांडों में एनालॉग घड़ियों की बिक्री के औसत दाम करीब 10 प्रतिशत बढ़ चुके हैं (टाइटन की शुरुआती स्तर की घड़ियां 2,000 रुपये से हैं)।
इसलिए पिछली दिवाली पर हमने टाइटन स्टेलर कलेक्शन उतारा । हमने मेटियो राइट नामक एक घड़ी बनाई, जिसके डायल पर 1,20,000 साल पुराने उल्कापिंड का टुकड़ा है। संयोग से इसकी कीमत भी 1,20,000 रुपये थी और यह काफी अच्छी बिकी।’
टाइटन के पास नेबुला श्रृंखला की घड़ियां भी हैं। इस श्रृंखला की एक-एक घड़ी आठ से 10 लाख रुपये की बिकती है। इसके अलावा उसने हाल में स्विस निर्मित चैरियोल का शुरुआती स्तर का लग्जरी ब्रांड पेश किया है जिसकी कीमत 1.2 लाख रुपये से ज्यादा है। इसे कंपनी के मल्टी-ब्रांड स्टोर हेलिओस के जरिये बेचा जाएगा।
उन्होंने स्वीकार किया कि पिछले चार वर्षों में स्मार्ट वॉच में खासा इजाफा देखा गया है लेकिन अब इसमे नरमी आ रही है। साल 2024 की पहली तिमाही के आंकड़ों में यह दिखता है। 2019 में 1 करोड़ स्मार्ट वॉच बिकीं जो पिछले साल पांच गुना बढ़कर 5 करोड़ हो गईं। पिछले साल टाइटन का इसमें 8 फीसदी हिस्सा था। लेकिन पिछले 6 महीनों से उनकी औसत बिक्री कीमत घट रही है।
मित्रा बताती हैं कि टाइटन ने महिलाओं की खरीदारी की आदतों में धीमा लेकिन सूक्ष्म बदलाव देखा है। पिछले सात सालों में भारत के एनालॉग घड़ी बाजार में महिलाओं की घड़ियों की हिस्सेदारी 40 प्रतिशत से बढ़कर 45 प्रतिशत हो गई है, क्योंकि अब और ज्यादा महिलाएं अपने लिए घड़ियां खरीदने में सक्षम हैं।