रेटिंग एजेंसी क्रिसिल रेटिंग्स की गुरुवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि देसी प्रमुख स्टील विनिर्माताओं का शुद्ध ऋण (शुद्ध ऋण से एबिटा अनुपात) चालू वित्त वर्ष में तीन गुना से अधिक बढ़कर पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगा। क्रिसिल के मुताबिक, प्राथमिक स्टील कंपनियों का शुद्ध ऋण से एबिटा अनुपात बढ़ रहा था क्योंकि भले ही सस्ता आयात से लाभप्रदता प्रभावित हुई मगर निरंतर पूंजीगत व्यय पर ऋण 25 फीसदी से अधिक बढ़ने की उम्मीद थी।
मगर रेटिंग एजेंसी का मानना है कि ऋण मेट्रिक्स में संतुलन प्रबंधनीय रहेगा। क्रिसिल की रिपोर्ट जिंदल स्टील ऐंड पावर, टाटा स्टील, जेएसडब्ल्यू स्टील, स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया, आर्सेलर मित्तल निपॉन स्टील इंडिया जैसी पांच प्रमुख स्टील विनिर्माताओं के अध्ययन पर आधारित थी। कुल घरेलू उत्पादन में इन कंपनियों की 55 फीसदी हिस्सेदारी है।
क्रिसिल रेटिंग्स के एसोसिएट निदेशक अंकुश त्यागी ने कहा कि अधिक ऋण से वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा। हालांकि, इस वित्त वर्ष में शुद्ध ऋण में तीन गुना बढ़कर पांच साल के उच्चतम स्तर पर पहुंचने की उम्मीद है, लेकिन ब्याद कवरेज 4 गुना से नीचे हो जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘फिर भी, ऋण की स्थिति प्रबंधनीय और महामारी से पहले वाले स्तर से बेहतर होगी क्योंकि वार्षिक मात्रा 35 फीसदी से अधिक बढ़ गई है और प्रति टन स्थापित क्षमता पर शुद्ध ऋण महामारी से पहले की तुलना में 30 प्रतिशत कम है।’
साथ ही उन्होंने कहा कि नकदी की स्थिति बेहतर बनी रहेगी। उल्लेखनीय है कि प्रमुख स्टील विनिर्माता कंपनियां विस्तार की राह पर हैं। चालू पूंजीगत व्यय से वित्त वर्ष 2027 तक क्षमता 3 करोड़ टन प्रति वर्ष बढ़ने की उम्मीद है, जिसमें से 2 करोड़ टन इस वित्त वर्ष के अंत तक जुड़ेगा।