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1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य, Coal India ने दी 52 नई परियोजनाओं को मंजूरी

Last Updated- April 26, 2023 | 11:58 PM IST
Coal India chairman pramod agarwal
Business Standard

कोल इंडिया (Coal India Limited- CIL)) ने 2025-26 में 1 अरब टन कोयला उत्पादन का महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है। उत्पादन बढ़ाने के लिए कंपनी अब तक की सबसे बड़ी संख्या में खनन परियोजनाओं को मंजूरी दे रही है। मगर ऐसा करते समय वह लागत कम करने पर भी ध्यान दे रही है। कोल इंडिया के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (MD) प्रमोद अग्रवाल से श्रेया जय ने कंपनी के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य के बारे में बात की। प्रमुख अंश :

पिछले वित्त वर्ष में कोयला उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए परिचालन स्तर पर किस तरह के बदलाव किए गए थे?

कुछ समय पहले प्रणाली में सुधार के लिए किए गए उपायों से 70 करोड़ टन का कठिन लक्ष्य पार करने में मदद मिली है। पर्यावरण और वन संबंधी मंजूरी हासिल करने तथा जमीन से संबं​धित मसलों को निपटाने में सरकार से भी मदद मिली। तेजी से अनुबंध कर और सहायक इकाइयों के प्रबंधन को तेजी से निर्णय लेने का अ​धिकार देकर, कोयला उत्पादन के अनुबंध में लचीलापन लाकर और राज्य प्रा​धिकरणों तथा रेलवे, बिजली, पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के साथ निरंतर समन्वय से संभावित अड़चनों की पहचान कर उन्हें दूर किया गया, जिससे उत्पादन बढ़ाने में मदद मिली।

1 अरब टन कोयला उत्पादन का लक्ष्य कब तक हासिल किया जाएगा और इसके लिए किस तरह की योजना बनाई गई है?

हमने 2025-26 में 1 अरब टन उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने की योजना बनाई है। हम मौजूदा खदानों का विस्तार करने और नई परियोजनाएं शुरू कर क्षमता बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं। कुल 52 खनन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिससे चरणबद्ध तरीके से उत्पादन में हर साल 37.8 करोड़ टन का इजाफा होगा।

इनमें से 13 नई परियोजनाएं हैं और बाकी मौजूदा परियोजनाओं का विस्तार किया गया है। इन परियोजनाओं से वित्त वर्ष 2025-26 में 102 करोड़ टन उत्पादन करने में मदद मिलेगी। हमने बारीकी से नजर रखने के लिए सालाना उत्पादन योजनाएं तैयार की हैं। 1 अरब टन का चुनौतीपूर्ण लक्ष्य हासिल करने में महानदी, साउथ ईस्टर्न और सेंट्रल कोल फील्ड्स लिमिटेड का उल्लेखनीय योगदान होगा। इसमें 29 फीसदी योगदान तो महानदी का ही होगा।

कोयले के निर्यात की क्या योजना है?

पहले देश में बिजली और गैर-विनियमित क्षेत्रों की कोयले की मांग पूरी की जाएगी, ईंधन के लिए किए गए वादे पूरे गिए जाएंगे। उसके बाद ही निर्या पर विचार किया जाएगा।

कोल इंडिया कोयले के दाम कब बढ़ाने की योजना बना रही है? ऐसा अभी क्यों किया जा रहा है?

कोल इंडिया ने पिछली बार जनवरी 2018 में कोयले के दाम बढ़ाए थे। उसके बाद से हमने डीजल और विस्फोटकों के दाम समेत लागत में हर तरह का इजाफा झेला मगर दाम नहीं बढ़ाए। कोल इंडिया अभी तक बढ़िया मुनाफा हासिल करने में सफल रही है। लेकिन कंपनी की कुछ इकाइयां ही मुनाफा कमा रही हैं और ईस्टर्न और वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड, भारत कोकिंग कोल आदि को वित्तीय चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।

महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य हासिल करने के लिए खनन तथा कोयले की निकासी परियोजनाओं पर निवेश करना होगा, जिसके लिए लगातार पर्याप्त पूंजी चाहिए। इसलिए कोयले के दाम बढ़ाना सही होगा। हालांकि दाम बढ़ाते समय हम संतुलित दृ​ष्टिकोण अपनाएंगे क्योंकि कोयला महंगा होने से अन्य जिंसों के दाम पर भी असर पड़ सकता है। हम दाम बढ़ाने के बारे में संबंधित पक्षों से बात करेंगे। हमारा लक्ष्य एबिटा बरकरार रखते यह पक्का करना है राष्ट्र पर इसका कम से कम असर पड़े। कीमत वृद्धि के बारे में कोई समयसीमा तय नहीं की गई है।

मुनाफा और आय बढ़ाने के बारे में कंपनी की क्या योजना है?

उत्पादन में बढ़ोतरी और आपूर्ति में सुधार दो अहम मंत्र हैं। बिक्री बढ़ेगी तो मुनाफा भी ज्यादा होगा। 80 फीसदी उत्पादन बिजली क्षेत्र के पास चला जाता है, जिसे हम गैर-बिजली क्षेत्र से करीब 17 फीसदी कम दाम पर कोयला बेचते हैं। चालू वित्त वर्ष में हमारी 78 करोड़ टन उत्पादन की योजना है।

ऐसा होने पर प्रति टन उत्पादन की लागत घटेगी। इसके साथ ही गैर-बिजली क्षेत्र को बिक्री और ई-नीलामी के जरिये बेचने के लिए ज्यादा कोयला उपलब्ध होगा, जिसे हम महंगे दाम पर बेच सकते हैं।

कंपनी उत्पादन लागत किस तरह कम करेगी?

डिजिटलीकरण और स्वचालन प्रक्रिया अपनाकर, लागत कम करने और ऊर्जा बचाने वाली तकनीक लागू कर तथा परिचालन दक्षता और कोयले की गुणवत्ता में सुधार लाकर उत्पादन लागत घटाने में मदद मिलेगी। आउटसोर्सिंग की भी अहम भूमिका होगी। करीब 75 फीसदी कोयले की निकासी आउटसोर्सिंग के जरिये की जाती है।

First Published - April 26, 2023 | 8:54 PM IST

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