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महंगी तकनीक और इनोवेशन के लिए ‘दूरसंचार पेटेंट फंड’ की तैयारी; स्टार्टअप, फर्मों, शैक्षणिक संस्थानों को मिलेगी मदद

इससे उन देसी दूरसंचार कंपनियों और खासकर MSME को बहुत सहारा मिलेगा, जो आम तौर पर महंगी होने के कारण ऐसी प्रौद्योगिकी हासिल नहीं कर पातीं।

Last Updated- April 29, 2024 | 11:10 PM IST
Telecom services will now be provided in urban areas from 'Digital Bharat Nidhi' ‘डिजिटल भारत निधि’ से अब शहरी क्षेत्रों में टेलीकॉम सेवाओं का प्रावधान किया जाएगा

Telecom Patent Fund: दूरसंचार विभाग नवाचार और स्वदेशी प्रौद्योगिकी के विकास को बढ़ावा देने के लिए दूरसंचार पेटेंट फंड (TPF) पर काम कर रहा है। इस फंड का उद्देश्य हार्डवेयर एवं सॉफ्टवेयर में महंगी पेटेंटशुदा प्रौद्योगिकी हासिल करने और लाइसेंस प्राप्त करने में मदद करना है। इससे देश में स्टार्टअप, लघु एवं मझोले उद्यमों (एसएमई), शिक्षाविदों और देसी कंपनियों को काफी मदद मिलेगी।

इस फंड का इस्तेमाल वैश्विक कंपनियों अथवा पेटेंट धारकों से जरूरी पेटेंटशुदा प्रौद्योगिकी के लाइसेंस हासिल करने में किया जाएगा। इससे उन देसी दूरसंचार कंपनियों और खासकर एसएमई को बहुत सहारा मिलेगा, जो आम तौर पर महंगी होने के कारण ऐसी प्रौद्योगिकी हासिल नहीं कर पातीं। प्रस्तावित फंड राष्ट्रीय स्तर पर बौद्धिक संपदा अधिकारों (IPR) की लाइसेंसिंग भी संभालेगा।

टीपीएफ का लक्ष्य इस अंतर को पाटकर संस्थानों और शिक्षाविदों को अनुसंधान एवं विकास (R&D) के अपने काम तेज करने में मदद करना भी है। इससे देसी दूरसंचार कंपनियों के लिए नवाचार का माहौल बढ़ेगा, जिससे उन्हें स्वदेशी तकनीक विकसित करने और उत्पादों का स्थानीयकरण बढ़ाने में मदद मिलेगी।

टीपीएफ के लिए शुरुआती रकम दूरसंचार प्रौद्योगिकी विकास फंड से मिल सकती है। दूसरे माध्यमों से और रकम भी जुटाई जा सकती है।

दूरसंचार विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘दुनिया के कई देशों (जैसे अमेरिका, चीन आदि) में ऐसे फंड हैं। हम ऐसे फंड की सोच रहे हैं, जो सॉफ्टवेयर एवं हार्डवेयर के प्रमुख तकनीकी क्षेत्रों में महत्त्वपूर्ण पेटेंट के लाइसेंस राष्ट्रीय स्तर पर लेगा और उन्हें स्टार्टअप, एसएमई, शिक्षाविदों एवं देसी कंपनियों को उपलब्ध कराएगा।’ अधिकारी ने कहा कि इस फंड का उद्देश्य देसी दूरसंचार कंपनियों की वृद्धि को रफ्तार देना है।

तेजी से बदलते दूरसंचार जगत में नवाचार बहुत कम समय के लिए ही नए और अनूठे रह पाते हैं। इस लिहाज से भी ऐसा फंड जरूरी है। इसके अलावा सख्त एवं बदलते मानक, आरऐंडडी की लागत बढ़ने और सुरक्षा, निजता एवं कानूनी अनुपालन की चिंता बढ़ने के कारण भी स्वदेशी समाधानों की जरूरत महसूस होने लगी है। विदेशी तकनीक पर जरूरत से ज्यादा निर्भरता भी घटानी है।

वि​भिन्न हितधारकों के साथ बातचीत में टीपीएफ को लागू करने के लिए यूनिवर्सल सर्विस ऑ​ब्लिगेशन फंड (USOF) के तहत एक स्वतंत्र इकाई स्थापित करने की योजना है। यूएसओएफ का उद्देश्य सस्ती एवं अच्छी किस्म की दूरसंचार सेवा सभी को भेदभाव बगैर उपलब्ध कराना है।

प्रस्तावित दूरसंचार पेटेंट कोष तकनीकी विकास में भारत की व्यापक योजनाओं के मुताबिक ही है। सेमीकंडक्टर मिशन भी ऐसी ही योजना है। सरकार ने इस मिशन के तहत दुनिया भर की कंपनियों से महंगे इलेक्ट्रॉनिक डिजाइन ऑटोमेशन (IDA) और बड़ी मात्रा में टूल्स खरीदकर 140 से अधिक विश्वविद्यालयों एवं कॉलेजों को मुफ्त में दिए हैं। इससे संस्थानों को सेमीकंडक्टर बनाने के लिए अगली पीढ़ी के इंजीनियरों को लाइव टूल्स के साथ प्रशिक्षित करने में मदद मिली है।

First Published - April 29, 2024 | 10:47 PM IST

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