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Tesla भारत में जगह की कर रही है तलाश, इन जगहों पर कंपनी खोज रही है जमीन

सूत्रों ने कहा कि टेस्ला भारत में अपने एक कारखाने के लिए सक्रियता से जगह की तलाश कर रही है। कंपनी यहां सीकेडी इकाई लगाना चाहती है।

Last Updated- February 21, 2025 | 11:17 PM IST
Tesla
फोटो क्रेडिट: Tesla

भारत में कारखाना लगाने संबंधी टेस्ला की योजना के बारे में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भले ही अहसमति जताई है लेकिन सूत्रों की मानें तो ईलॉन मस्क की कंपनी भारतीय बाजार में आने के लिए कमर कस चुकी है। सूत्रों ने कहा कि टेस्ला भारत में अपने एक कारखाने के लिए सक्रियता से जगह की तलाश कर रही है। कंपनी यहां सीकेडी इकाई लगाना चाहती है जहां कलपुर्जे आयात कर वाहनों को असेंबल किया जाएगा। इससे कंपनी को पूरी तरह से तैयार वाहन को आयात करने की जरूरत नहीं होगी और उसे कर में भी राहत मिल सकती है।

कंपनी इसी संदर्भ में आंध्र प्रदेश सरकार के साथ पिछले कुछ दिनों से बातचीत कर रही है। इस मामले से अवगत एक सूत्र ने बताया कि राज्य सरकार ने कंपनी के प्रतिनि​धियों के समक्ष नेल्लूर, तिरुपति जिले में श्री सिटी और अनंतपुर जिले में किया क्लस्टर के समीप पहले से अधिग्रहीत भूमि का विकल्प रखा है। 

इससे पहले कंपनी की नजर महाराष्ट्र और गुजरात पर भी थी। सूत्रों ने बताया कि भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास में कंपनी ने दिलचस्पी नहीं दिखाई है। टेस्ला के साथ तमिलनाडु सरकार भी बातचीत कर रही थी क्योंकि वहां पहले से ही वाहन विनिर्माण का परिवेश मौजूद है। तमिलनाडु में ह्युंडै मोटर, बीएमडब्ल्यू, फोर्ड और टाटा मोटर्स-जेएलआर जैसी प्रमुख वाहन कंपनियों के कारखाने हैं। 

टेस्ला ने इस बाबत जानकारी के लिए बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा पूछे गए सवालों का खबर लिखे जाने तक कोई जवाब नहीं दिया। खबरों में कहा गया है कि शुरू में कंपनी भारतीय बाजार के लिए जर्मनी से आयात कर सकती है।

अगर एन चंद्रबाबू नायडू की सरकार टेस्ला को आंध्र प्रदेश लाने में सफल होती है तो यह तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) प्रमुख के लिए एक अन्य बड़ी उपलब्धि होगी। उन्होंने 1990 के दशक में माइक्रोसॉफ्ट के संस्थापक बिल गेट्स के साथ अपनी चर्चित बैठक के बाद आंध्र प्रदेश में इंडिया डेवलपमेंट सेंटर स्थापित करने संबंधी माइक्रोसॉफ्ट के निर्णय में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

इस मामले से अवगत एक सूत्र ने कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में उन्होंने दिलचस्पी दिखाई है और हमने पहले अ​धिग्रहीत अपने भूमि विकल्पों को उनके सामने रखा है जहां से बंदरगाह तक आसानी से पहुंचा जा सकता है।’ आंध्र ने सबसे पहले टेस्ला से उस समय संपर्क किया था जब आईटी एवं इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्री नारा लोकेश अमेरिका के ऑस्टिन ​​​स्थित टेस्ला के मुख्यालय गए थे। वहां उन्होंने कंपनी के मुख्य वित्तीय अधिकारी (सीएफओ) वैभव तनेजा एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात की थी। बातचीत के दौरान उन्होंने अनंतपुर में इलेक्ट्रिक वाहन एवं बैटरी विनिर्माण इकाई स्थापित करने के फायदों के बारे में बताया था।

सूत्र ने कहा, ‘आंध्र प्रदेश का आ​र्थिक विकास बोर्ड लगातार बातचीत कर रहा है। हमारे पास काफी बड़े भूखंड मौजूद हैं जो उनके लिए फायदेमंद रहेगा। कंपनी ग्राहकों के करीब भी रह सकती है क्योंकि द​क्षिण भारत में लक्जरी ईवी की सबसे अ​धिक मांग है।’

आंध्र प्रदेश में एक अन्य जगह- श्री सिटी- पर भी विचार किया जा रहा है। 

श्री सिटी चेन्नई बंदरगाह से महज 80 किलोमीटर दूर है जो चेन्नई और कर्नाटक दोनों बाजारों के लिए दरवाजे खोलता है। समझा जाता है कि टेस्ला की टीम ने महाराष्ट्र का भी दौरा किया है और पुणे के समीप पहले से स्थापित वाहन विनिर्माण केंद्र चाकण के पास जगहों को देखा है।

महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम के मुख्य कार्याधिकारी पी वेलरासु ने कहा, ‘हम किसी भी नई प्रौद्योगिकी अथवा नवाचार से प्रेरित कंपनी का स्वागत करते हैं। हमारे पास कई भूखंड उपलब्ध हैं।’

दिलचस्प है कि यह पहल ऐसे समय में की जा रही है जब ट्रंप ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा कि भारत में विनिर्माण इकाई लगाने संबंधी मस्क का निर्णय अनुचित है क्योंकि भारत ने काफी अधिक शुल्क लगा रखा है। उन्होंने कहा, ‘दुनिया का हर देश हमारा फायदा उठाता है और वे शुल्क के जरिये ऐसा करते हैं। उदाहरण के लिए, भारत में व्यावहारिक तौर पर कार बेचना असंभव है।’

अगर कंपनी भारत के लिए कम बजट वाली कार विकसित करने के साथ-साथ स्थानीय उत्पादन का निर्णय लेती है तो 2 से 3 अरब डॉलर का निवेश हो सकता है। टेस्ला भारत से कलपुर्जे पहले से ही मंगाती रही है। समझा जाता है कि कंपनी भारत से 1 से 2 अरब डॉलर के वाहन कलपुर्जे मंगाती है।

ट्रंप भारत में कार आयात पर लगाए गए उच्च शुल्क की अक्सर आलोचना करते रहे हैं, जो 100 फीसदी से अधिक है। फिलहाल 40 हजार डॉलर से अधिक कीमत वाले पूरी तरह तैयार ईवी पर मूल सीमा शुल्क 70 फीसदी निर्धारित किया गया है। मगर 40 फीसदी कृषि बुनियादी ढांचा एवं विकास उपकर (एआईडीसी) वह करीब 110 फीसदी हो जाता है। इससे कम कीमत वाले ईवी के लिए शुल्क करीब 70 फीसदी है। फिलहाल टेस्ला के पोर्टफोलियो में पांच प्रमुख मॉडल- मॉडल 3, मॉडल वाई, मॉडल एस, मॉडल एक्स और साइबरट्रक- मौजूद हैं। इनकी कीमत 29,990 डॉलर से 1,01,985 डॉलर के बीच है। मॉडल 3 टेस्ला की सबसे सस्ती कार है।

First Published - February 21, 2025 | 10:36 PM IST

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