वित्तीय संकट से जूझ रही विमानन कंपनी जेट एयरवेज (Jet Airways)को लेकर बड़ी खबर। जालान कालरॉक कंसोर्टियम (Jalan Kalrock Consortium) ने गुरुवार को कहा कि उसने नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (NCLAT) द्वारा रिवाइवल प्लान के कार्यान्वयन की अनुमति देने के 48 घंटे से भी कम समय में जेट एयरवेज में 100 करोड़ रुपये जमा कर दिए हैं। कंसोर्टियम ने इसकी जानकारी 31 अगस्त को एक प्रेस रिलीज के जरिए दी।
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बंद पड़ी विमानन कंपनी Jet Airways को दोबारा शुरु करने के लिए सफल बोली लगाने वाली कंपनी जेसीके ने अब तक एयरलाइन में ₹250 करोड़ का निवेश किया है।
कंसोर्टियम ने बयान में कहा, “इस निवेश के साथ, जेकेसी ने अब तक जेट एयरवेज में 250 करोड़ रुपये का निवेश किया है और अब उसे एयरलाइन का नियंत्रण लेने के लिए 30 सितंबर, 2023 तक जेट एयरवेज में शेष 100 करोड़ रुपये का वित्तपोषण करना होगा।”
तीन सदस्यीय एनसीएलएटी पीठ ने 28 अगस्त को जेट एयरवेज के भारी-भरकम कर्ज को चुकाने की समयसीमा बढ़ाने की मंजूरी दे दी। साथ ही 350 करोड़ रुपये के भुगतान के लिए परफॉर्मेंस बैंक गारंटी (PBG) से 150 करोड़ रुपये के एडजस्टमेंट के लिए कंसोर्टियम की याचिका स्वीकार कर ली।
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कंसोर्टियम ने एनसीएलएटी से 21 अगस्त को कहा था कि वह 31 अगस्त तक 100 करोड़ रुपये और फिर 100 करोड़ रुपये 30 सितंबर तक जमा करना चाहता है।
इससे पहले 21 अगस्त, 2023 को ऋणदाताओं की ओर से पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल एन वेंकटरमन ने पीबीजी को भुनाने का विरोध किया था। वेंकटरमन ने भी विस्तार का विरोध किया और कहा कि 350 करोड़ रुपये का आधा हिस्सा नियामक बकाया चुकाने में जाएगा।
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