दो पहिया वाहनों की दिग्गज कंपनी टीवीएस और बजाज ऑटो ने पिछले चार महीनों में आक्रामक रूप से इलेक्ट्रिक दो पहिया वाहनों में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाई है। साथ ही दोनों कंपनियों ने एथर एनर्जी और ओला इलेक्ट्रिक जैसी इलेक्ट्रिक दो पहिया स्टार्टअप कंपनियों की तुलना में पंजीकरण की संख्या बढ़ाकर इस अंतर को भी पाट दिया है।
मई में केंद्र सरकार सब्सिडी कम करने के बाद से दोनों कंपनियों ने ईवी दोपहिया बाजार में अपनी हिस्सेदारी काफी तेजी से बढ़ा दी है। इनकी बाजार हिस्सेदारी जून के 24.5 फीसदी से बढ़कर सितंबर में अब तक 37.1 फीसदी हो गई है। ये आंकड़े सरकार के वाहन पोर्टल के पंजीकरण आंकड़ों पर आधारित हैं।
बजाज ऑटो ने सितंबर में एथर एनर्जी के साथ अंतर को लगभग कम कर दिया है। गुरुवार तक एथर के 6,466 वाहनों के पंजीकरण की तुलना में बजाज के 6,423 वाहनों का पंजीकरण हुआ है। बजाज ने जून से सितंबर के दौरान अपने इलेक्ट्रिक स्कूटर पंजीकरण को दोगुना से भी अधिक कर दिया है। वहीं एथर एनर्जी की संख्या इस अवधि में सिर्फ 40 फीसदी बढ़ी है।
टीवीएस के मामले में सितंबर में ओला इलेक्ट्रिक के साथ पंजीकरण में इसका अंतर घटकर 2,903 हो गया है, जो जून में 9,802 था। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, जून से लेकर सितंबर के बीच टीवीएस के वाहनों के पंजीकरण में 1.7 गुना की वृद्धि हुई है, जबकि इसी अवधि के दौरान ओला के वाहनों के पंजीकरण की संख्या घट गई है।
इलेक्ट्रिक दो पहिया स्टार्टअप कंपनियों का कहना है कि फेम दो सब्सिडी के पात्र होने के लिए उनके नए स्कूटर मॉडलों को सरकार से मंजूरी नहीं मिल पा रही है, जिससे उन्हें परेशानी हो रही है। ओला और एथर दोनों कंपनियों ने नए मॉडल पेश किए हैं।
नतीजतन, इन मॉडलों को शोरूम तक नहीं पहुंचाया जा सका है। प्रभावित कंपनियों में से एक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम अपने ग्राहकों तक स्कूटर नहीं पहुंचा पा रहे हैं। हमारे पास बुकिंग की संख्या काफी बढ़ गई है।’
उन्होंने कहा कि उन्हें मॉडलों को कारखानों से डीलरों तक पहुंचाने की भी अनुमति नहीं दी गई है। जबकि वे फेम 2 के लिए सरकार द्वारा नए मॉडलों को मंजूरी देने का इंतजार कर रहे थे। उन्होंने कहा, ‘भले ही अब हमें मंजूरी मिल गई है मगर अब समय खत्म हो गया है।’
हालांकि, उनका तर्क है कि यह कुछ दिनों की समस्या है और उम्मीद है कि त्योहारी सीजन के दौरान ऐसी परेशानी देखने को नहीं मिलेगी।