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गौरीशंकर और उनके बड़े भाई बाबा कल्याणी के बीच समूह की संपत्तियों के लिए छिड़ी जंग

गौरीशंकर ने न्यायालय में एक हलफनामा देकर 2022 की जो वसीयत पेश की थी उसे बाबा कल्याणी और उनकी बहन सुगंधा हिरेमठ ने चुनौती दी है।

Last Updated- September 16, 2024 | 10:57 PM IST
War breaks out between Gaurishankar and his elder brother Baba Kalyani for the group's properties
Baba Kalyani, Chairman & Managing Director, Bharat Forge

पुणे के अरबपति कारोबारी बाबा कल्याणी ने अपनी दिवंगत मां की कथित दूसरी वसीयत और छोटे भाई गौरीशंकर कल्याणी द्वारा पारिवारिक संपत्तियों को लेकर प्रस्तुत दावों को ‘गलत सूचना फैलाने वाला अभियान’ करार दिया है।

कल्याणी समूह के मुखिया 75 वर्षीय बाबा कल्याणी अपने करियर के दौरान जहां लगातार सुर्खियों में रहे, वहीं उनके छोटे भाई गौरीशंकर कल्याणी (70 वर्ष) जो पुणे स्थित इंजीनियरिंग कंपनी कल्याणी फोर्ज के गैर कार्यकारी निदेशक भी हैं, अपेक्षाकृत कम चर्चित जीवन जीते हैं। कल्याणी फोर्ज ने मार्च 2024 में 237 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया था और कंपनी के रोजमर्रा के काम गौरीशंकर कल्याणी की पत्नी रोहिणी और उनका बेटा विराज संभालते हैं।

गौरीशंकर वाणिज्य स्नातक हैं और उन्हें प्रबंधन और वित्तीय क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल है। वह अपने बड़े भाई द्वारा संचालित कंपनियों में से किसी के बोर्ड में नहीं हैं लेकिन वह कल्याणी फोर्ज के बोर्ड की विभिन्न समितियों के सदस्य होने के साथ-साथ समूह की कई निजी कंपनियों से जुड़े हैं। कल्याणी परिवार के एक करीबी व्यक्ति के मुताबिक, ‘वह कल्याणी फोर्ज के रोजमर्रा के काम में शामिल नहीं हैं लेकिन वह जरूरत पड़ने पर बोर्ड का मार्गदर्शन करते हैं।’

गौरीशंकर ने न्यायालय में एक हलफनामा देकर 2022 की जो वसीयत पेश की थी उसे बाबा कल्याणी और उनकी बहन सुगंधा हिरेमठ ने चुनौती दी है। हिरेमठ परिवार के एक सूत्र ने कहा कि उनकी जानकारी के मुताबिक उनकी मां की मृत्यु बगैर किसी वसीयत के हुई थी और यह फैसला न्यायालय को करना है कि दोनों भाइयों द्वारा पेश वसीयत की सत्यता क्या है?

यह पहला मौका नहीं है जब गौरीशंकर और उनका परिवार पारिवारिक संपत्ति में हिस्सेदारी के लिए लड़ रहे हैं। इससे पहले 2015 में गौरीशंकर की बेटी शीतल ने पुणे न्यायालय से गुहार लगाई थी कि परिवार की संपत्ति में उसकी हिस्सेदारी दिलाई जाए। वह मामला अभी लंबित है।

ताजा विवाद तब शुरू हुआ जब समूह की निजी निवेश कंपनियों के स्वतंत्र निदेशकों मदन उमाकांत तकले और श्रीकृष्ण किरण आदिवरेकर ने इस वर्ष फरवरी में अदालत की शरण लेकर कहा था कि सुलोचना कल्याणी की 27 जनवरी 2012 की वसीयत की प्रोबेट की जाए। इस मामले पर 9 अक्टूबर को सुनवाई होनी है। प्रोबेट वह प्रक्रिया है जो किसी व्यक्ति के निधन के बाद उसकी संपत्तियों के निस्तारण के लिए अपनाई जाती है।

बाद में 15 जुलाई को गौरीशंकर ने एक हलफनामा देकर अपनी मां की 2012 की वसीयत को चुनौती दी और 9 दिसंबर, 2022 की तारीख वाली एक नई वसीयत पेश की। गौरीशंकर के बेटे विराज 3 अगस्त को सुलोचना कल्याणी की नई वसीयत के प्रोबेट के लिए पुणे न्यायालय पहुंचे। इस मामले की की सुनवाई 23 सितंबर को होनी है।

बाबा कल्याणी ने कहा है कि ये दावे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने और मीडिया ट्रायल शुरू करने के लिए किए गए हैं। वह अपने भाई-बहनों के साथ कई मोर्चों पर कानूनी लड़ाई लड़ रहे हैं। बहन सुगंधा के साथ भी वह बीएसई में सूचीबद्ध कंपनी हिकाल लिमिटेड के नियंत्रण की लड़ाई लड़ रहे हैं।

गौरीशंकर और सुगंधा दोनों कल्याणी समूह की प्रमुख कंपनी भारत फोर्ज समेत संपत्तियों का बंटवारा चाहते हैं। भारत फोर्ज का आकार 74,508 करोड़ रुपये है
जिसमें कल्याणी परिवार 33,731 करोड़ यानी 45.25 फीसदी का हिस्सेदार है।

First Published - September 16, 2024 | 10:57 PM IST

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