आईटी कंपनी विप्रो ने FY 2025-26 में 10,000 से 12,000 फ्रेशर्स की की हायरिंग की योजना बनाई है। कंपनी के चीफ ह्यूमन रिसोर्सेज ऑफिसर सौरभ गोविल ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह योजना कंपनी के तिमाही परिणामों के बाद आई है और इसे आईटी सेक्टर में हाल ही में मंदी और छंटनी के बाद एक अच्छी खबर के रूप में देखा जा रहा है। विप्रो ने इस वित्तीय वर्ष में 10,000 फ्रेशर्स को हायर करने का लक्ष्य रखा था। अब तक अक्टूबर-दिसंबर (Q3) तिमाही में केवल 7,000 फ्रेशर्स को भर्ती किया गया है और 2,500-3,000 और फ्रेशर्स को अगले तिमाही में जोड़ा जाएगा।
सौरभ गोविल ने कहा कि कंपनी ने भर्ती में सतर्कता बरतते हुए ही फ्रेशर्स को जोड़ा है, ताकि अधिक भर्ती से बचा जा सके। साथ ही, कंपनी ने कर्मचारियों की उपयोगिता बढ़ाने के लिए अपने हायरिंग मॉडल पर दोबारा से विचार किया है।
2022 में जॉब ऑफर रद्द करने के सवाल पर, विप्रो ने कहा कि उन्होंने यह कदम समय के अंतर और गुणवत्ता बनाए रखने के लिए उठाया था। इसके लिए कंपनी ने पुनर्मूल्यांकन प्रक्रियाएं और स्किलिंग के अवसर भी दिए हैं ताकि उम्मीदवार तैयार रहें।
विप्रो ने फ्रेशर भर्ती के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का भी इस्तेमाल करने की योजना बनाई है।
भारत की अन्य प्रमुख आईटी कंपनियां जैसे इंफोसिस और टीसीएस भी आने वाले वित्तीय वर्ष में फ्रेशर्स को भर्ती करने की बात कर चुकी हैं। इंफोसिस ने FY26 में 20,000 से अधिक फ्रेशर्स को भर्ती करने का ऐलान किया है, जबकि टीसीएस ने भी भर्ती बढ़ाने की बात की है, हालांकि TCS ने अपनी तिमाही रिपोर्ट में 5,370 कर्मचारियों की कमी की बात भी की है।
यह सब कुछ COVID के बाद ओवर-हायरिंग की वजह से हुई छंटनियों के बाद हो रहा है। विप्रो, इंफोसिस और टीसीएस जैसे कंपनियों के ये कदम आईटी सेक्टर के व्यापक बदलाव को दिखाते हैं, जहां अब भर्ती और प्रतिभा अधिग्रहण में संतुलन बनाने की कोशिश की जा रही है।