वित्त वर्ष 2023 में वास्तविक सकल घरेलू वृद्घि को लेकर वित्त मंत्रालय का आंतरिक अनुमान 2021-22 की आर्थिक समीक्षा में पेश किए गए 8-8.5 फीसदी के अनुमान से कम है। बिजनेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी मिली है। सरकार के कुछ हिस्सों का मानना है कि स्थायी कीमतों पर जीडीपी वृद्घि 7 फीसदी के नजदीक रह […]
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जनवरी में भारत में सेवा क्षेत्र की गतिविधियां घटकर 6 माह के निचले स्तर पर आ गईं। इसकी वजह कोविड-19 की ओमीक्रोन लहर के तेजी से प्रसार के कारण विभिन्न इलाकों में आवाजाही पर प्रतिबंध और महंगाई का दबाव है। विश्लेषक फर्म आईएचएस मार्किट के आंकड़ों से पता चलता है कि सेवा के लिए पर्चेजिंग […]
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केंद्र सरकार ने 1 अप्रैल से लागू केंद्र प्रायोजित योजनाओं (सीएसएस) की संख्या घटाकर आधी कर दी है। अपना मकसद पूरा कर चुकी कुछ परियोजनाओं को जहां बंद कर दिया गया है, वहीं कम आवंटन वाली परियोजनाओं का विलय ज्यादा असरदार परियोजनाओं के साथ कर दिया गया है। योजनाओं की संख्या 1 अप्रैल, 2020 को […]
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बीएस बातचीत एलआईसी के आईपीओ के लिए तकनीकी तैयारियों का जायजा लेने के लिए एक कार्य समूह का गठन किया गया है। निवेश और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहिन कांत पांडे ने निकुंज ओहरी के साथ बातचीत में कहा कि एलआईसी का आईपीओ देश का सबसे बड़ा आईपीओ होने जा रहा है […]
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भारत सरकार जहां एक ओर नए बुनियादी ढांचे के निर्माण में पूंजीगत व्यय के रूप में 7.5 लाख करोड़ रुपये, जो अब तक की इसकी सर्वाधिक राशि है, खर्च करेगी, वहीं दूसरी ओर भारतीय कंपनियों द्वारा ताजा निवेश अब भी कुछ तिमाहियां दूर है, क्योंकि सरकार के ऑर्डर कुछ अंतराल में आएंगे। यह कहना है […]
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बीएस बातचीत वित्त सचिव टीवी सोमनाथन की अरूप रायचौधरी और असित रंजन मिश्रा के साथ बजट पर बातचीत के कुछ अंश: वित्त वर्ष 2023 के लिए आपके नॉमिनल जीडीपी वृद्धि लक्ष्य के पीछे क्या डिफ्लेटर अनुमान रहा है? मंत्रालय के अर्थशास्त्रियों ने 8 से 8.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान लगाया है। हमें इस बात का […]
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वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में सरकार ने बाजार से भारी भरकम रकम उधार लेने की घोषणा की है, जो बाजार के अनुमान से भी ज्यादा मानी जा रही है। बाजार से जुड़े लोगों का कहना है कि सरकार के उधारी कार्यक्रम को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) अगले सप्ताह मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) […]
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किसी क्षेत्र में निवेश की सीमा के बराबर विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) के लिए निवेश सीमा बढ़ाए जाने ने अहम वैश्विक इक्विटी सूचकांकों में देसी प्रतिभूतियों के भारांक में इजाफे के लिहाज से उत्प्रेरक का काम किया है। आर्थिक समीक्षा 2021-22 में ये बातें कही गई है। 1 अप्रैल, 2020 से केंद्र सरकार ने भारतीय […]
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भारतीय बैंकों ने अब तक महामारी के आर्थिक झटकों का अच्छी तरह से सामना किया है लेकिन कुछ और असर पडऩा अभी बाकी है। भारतीय बैंकों के बारे में ये बातें आर्थिक समीक्षा 2021-22 में कही गई है। समीक्षा के मुताबिक बैंक प्रणाली में पर्याप्त पूंजी है और गैर-निष्पादित संपत्तियों (एनपीए) में ढांचागत रूप से […]
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वर्ष 2021-2022 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि जमा बीमा 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये किए जाने के बावजूद सिर्फ करीब 51 प्रतिशत जमाएं ही पूरी तरह सुरक्षित हैं, हालांकि यह आंकड़ा अंतरराष्ट्रीय मानक के मुकाबले ऊपर बना हुआ है। संसद के दोनों सदन पर पेश की गई आर्थिक समीक्षा […]
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