मंदी से हिचकोले खा रही अर्थव्यवस्था को मिली जुली खबरें मिल रही हैं। आयात और निर्यात के मोर्चे से आई खबरों ने अर्थव्यवस्था को कुछ खुश किया, तो कहीं मायूस भी किया। पिछले कुछ महीनों के दौरान देश में संवेदनशील उत्पादों के आयात में 30.5 फीसदी का इजाफा हुआ है। सबसे अधिक तेजी ऑटो कलपुर्जों […]
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यद्यपि उधारी देने में तेजी आ रही है लेकिन जोखिम न उठाने का मामला अभी भी दिख रहा है। गैर-बैंकिंग फाइनैंस कंपनियां (एनबीएफसी) अब ऋण देने के लिए अधिक कोलेटरल (जमानत) की मांग कर रही हैं। एनबीएफसी के सूत्रों ने बताया कि कुछ खास मामलों, जैसे प्रवर्तकों की फंडिंग, में एनबीएफसी ने न केवल जमानत […]
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भारत में संवेदनशील उत्पादों के आयात वित्त वर्ष 2008-09 की अप्रैल से फरवरी की अवधि के दौरान 30.5 फीसदी बढ़कर 43,000 करोड़ रुपये हो गया। पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 32 953 करोड़ रुपये का आयात हुआ था। संवेदनशील उत्पादों में वे चीजें शामिल हैं, जिनकी घरेलू उद्योग पर पड़ने वाले असर के […]
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महंगाई की दर 18 अप्रैल को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान बढ़कर 0.57 फीसदी हो गई। यह इसके पिछले सप्ताह में 0.26 फीसदी के स्तर पर थी। थोक मूल्य सूचकांक 0.6 फीसदी चढ़कर 230 अंक पर आ गया। प्राथमिक वस्तुओं का सूचकांक भी बढ़कर 1.7 फीसदी हो गई है, जबकि विनिर्मित वस्तुओं के सूचकांक में […]
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हर कोई इस वक्त मंदी के दौर के जल्द से जल्द बीतने की दुआ कर रहा है। वैसे तो कोई भी इस बात को पक्के तौर पर नहीं कह सकता कि मंदी का काला साया आखिर कब तक वैश्विक अर्थव्यवस्था को बेहाल करके रखेगा। लेकिन यूबीएस के ताजा सूचकांक के मुताबिक मंदी का दौर इसी […]
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दुनिया भर में फैली हुई आर्थिक मंदी और नकदी की किल्लत ने भारतीय कंपनियों की वित्तीय सेहत भी बिगाड़ कर रख दी है। खास तौर पर अक्टूबर 2008 से इन पर ज्यादा बोझ पड़ा है। इसीलिए पहले से कहीं ज्यादा कंपनियां अपने कर्ज के भूत का इलाज ढूंढने पर जुट गई हैं। भारतीय रिजर्व बैंक […]
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जीवन बीमा कंपनियों ने साल 2007-08 में 4,172.01 करोड रुपये की अतिरिक्त पूंजी जोड़ी है। 31 मार्च 20078 को जीवन बीमा कंपनियों की कुल पूंजी 12,196.42 करोड रुपये थी। साल 2007-08 में बीमा कंपनियों ने देश में अपनी उपस्थिति में 65 प्रतिशरत का इजाफा भी किया। भातीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) के साल […]
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भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर डी सुब्बाराव अपने पहले सात महीने की नौकरी को चुनौतीपूर्ण बताते हैं। आंशिक रूप से वे इसका श्रेय अनिश्चित वैश्विक आर्थिक माहौल और देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में खुद को व्यवस्थित करने को देते हैं। लेकिन, इससे उनकी मौद्रिक नीति घोषणा पर काम करने में कोई अड़चन नहीं आई। […]
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भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वित्त वर्ष 2009-10 के लिए घोषित अपनी सालाना मौद्रिक नीति में रेपो और रिवर्स रेपो दरों में 0.25 फीसदी की कटौती से आवास और कॉरपोरेट उधारी की दरों में कमी किए जाने की संभावना बढ़ गई है। विभिन्न बैंकों, वित्तीय संस्थाओं आदि ने केंद्रीय बैंक की इस पहल को लेकर मिली-जुली […]
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मंदी के दौर में कर्ज सस्ता करने का एक और मौका भारतीय रिजर्व बैंक आरबीआई ने आज तमाम बैंकों को दे दिया। मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए बैंक ने अपनी मुख्य दरों में कटौती का ऐलान कर दिया। रेपो और रिवर्स रेपो दर में आरबीआई ने 25-25 आधार अंकों की कटौती कर दी है। […]
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