वैश्विक वित्त्तीय सेवा प्रदान करने वाली फर्म स्टैनचार्ट का मानना है कि अगर महंगाई का दबाव इसी प्रकार बरकरार रहा तो रिजर्व बैंक को वित्त्तीय वर्ष 2009 में सीआरआर में 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी के लिए मजबूर होना पड़ सकता है। इसके अलावा रिजर्व बैंक को रेपो रेट और रिवर्स रेपो रेट में भी एक […]
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केपीएमजी इंटरनेशनल ने अपने सर्वे में कहा है कि भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश् (एफडीआई) दुनिया के किसी और देश की तुलना में अधिक तेजगति से बढ़ेगा। साथ ही आने वाले पांच सालों में बुनियादी क्षेत्र में निवेश पाने वाले देशों की सूची में वह चोटी पर शुमार होगा। यह सर्वे 15 प्रमुख इकनामी की […]
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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल में चिंगारी पड़ने के काफी अरसे बाद सरकार ने जब तपन महसूस की तब तक इसकी आग भड़कते-भड़कते दावानल बन चुकी थी। इस दावानल से बचने के लिए 4 जून को सरकार ने जो पेट्रोल-डीजल और गैस की कीमतें बढ़ाने का ‘थोड़ा सा पानी’ डाला, उससे वह आग तो बुझी […]
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महंगाई की दर 13 साल के उच्चतम 11 प्रतिशत के पार हो गई। यह 13 साल का उच्चतम आंकड़ा है। इस दौरान पेट्रोलियम उत्पादों के अलावा खाद्य वस्तुओं की कीमत में बढ़ोतरी ने भी मुद्रास्फीति पर भारी दबाव बनाया। बहरहाल, सरकार की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक 7 जून को समाप्त सप्ताह […]
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चालू वित्त वर्ष के पहले महीने में प्रमुख उद्योगों की वृद्धि दर गिरकर 3.6 प्रतिशत रह गई है। इसकी प्रमुख वजह रही ऊर्जा और पेट्रोलियम रिफाइनरी क्षेत्रों का खराब प्रदर्शन। छह प्रमुख बुनियादी ढांचा उद्योगों- कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पाद, कोयला, बिजली, सीमेंट और स्टील क्षेत्र की वृद्धि दर में पिछले महीने के मुकाबले भारी गिरावट […]
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सरकार के लगातार ब्रेक लगाते रहने के बावजूद महंगाई दर की चाल लगातार बढ़ती ही जा रही है। 31 मई को समाप्त सप्ताह के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, यह सात साल के उच्चतम स्तर 8. 75 फीसदी पर पहुंच गई। पिछली बार के मुकाबले इसकी रफ्तार में 0.51 फीसदी की तेजी आई। इस बार इसकी […]
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महंगाई, कच्चा तेल और मानसून…ये तीन ऐसी एक्सप्रेस हैं, जिन पर सरकार ही नहीं, समूचे देश की निगाहें लगी हुई हैं। ज्यों-ज्यों कच्चा तेल एक्सप्रेस ने रफ्तार पकड़ी, महंगाई एक्सप्रेस भी दौड़ने लगी। कच्चा तेल एक्सप्रेस को रोकने के लिए जब सरकार ने 5 जून को पेट्रोल-डीजल-गैस की कीमतें बढ़ाने का ब्रेक लगाया तो यह […]
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खनन क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन की वजह से विनिर्माण क्षेत्र में चल रही मंदी के बावजूद अप्रैल माह में कुल औद्योगिक विकास 7 फीसदी पहुंच गया, जबकि मार्च 2008 में विकास दर महज 3 फीसदी थी, जो पिछले छह साल से सबसे कम थी। हालांकि पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले औद्योगिक उत्पादन सूचकांक […]
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ईंधन की बिक्री पर हो रहे नुकसान को लेकर तेल मार्केटिंग कंपनियों ने चाहे जितनी हाय तौबा मचाई हो, पर विशेषज्ञों का मानना है कि नुकसान के आंकड़े को बढ़ा चढ़ाकर पेश किया गया है। नुकसान को इन कंपनियों की ओर से कम से कम 15 फीसदी बढ़ाकर बताया गया है। हालांकि, विशेषज्ञ कहते हैं […]
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भले ही नौकरी की तलाश में गांव छोड़कर शहरों की ओर रुख करने का रिवाज रहा हो लेकिन एक रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले कुछ सालों में रोजगार उपलब्ध कराने के मामले में गांव शहरों से आगे रहे हैं। हालांकि, वर्ष 1998-2005 के बीच कृषि से जुड़े कामों में गिरावट दर्ज की गयी […]
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