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India Coalition: ‘इंडिया’ गठबंधन की बढ़ी चिंता

बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और पंजाब में आप ने सीटों का बंटवारा करने से इनकार किया

Last Updated- January 24, 2024 | 11:08 PM IST
Congress leaders

इंडिया गठबंधन के दो प्रमुख घटकों- तृणमूल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी- ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपने-अपने शासन वाले राज्य में कांग्रेस के साथ सीटों का बंटवारा करने से इनकार कर दिया है। पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है जबकि पंजाब में आम आदमी पार्टी की।

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पहले से ही कहती रही है कि 28 विपक्षी दलों का यह गठबंधन अधिक समय तक टिकने वाला नहीं है। सीटों के बंटवारे पर सहमति न बनना इस बात का सबूत है कि कांग्रेस अपने क्षेत्रीय सहयोगी दलों को सम्मान नहीं देना चाहती है।

सीटों के बंटवारे पर चर्चा से तृणमूल कांग्रेस के बाहर निकलने को कांग्रेस ने लंबी यात्रा में ‘स्पीड ब्रेकर’ करार दिया है। उसने कहा है कि अन्य राज्यों में बातचीत सही दिशा में चल रही है। उसने यह भी बताया कि तृणमूल ने भाजपा के खिलाफ लड़ने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है।

क्षेत्रीय दलों के अधिक मुखर होने के साथ ही ‘इंडिया’ गठबंधन की व्यवहार्यता के बारे में चिंता पहले से ही जताई जा रही थी। यहां तक कि कांग्रेस को भी सुझाव दिया गया था कि उसे लोकसभा की कुल 543 सीट में से 300 सीट पर चुनाव लड़ना चाहिए और शेष 243 सीट क्षेत्रीय दलों के लिए छोड़ देनी चाहिए।

बताया गया था कि अगर कांग्रेस क्षेत्रीय दलों की मांग पर ध्यान नहीं देगी तो वह उन सीट पर चुनाव लड़ सकती है जहां उसे जीतने की अधिक संभावना दिखेगी।

समझा जा रहा था कि केरल में ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दल आपस में ही एक-दूसरे के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरेंगे, मगर अब इस सूची में दो अन्य राज्य- बंगाल और पंजाब- भी शामिल हो गए हैं। बिहार में सीटों के बंटवारे पर बातचीत सही तरीके से चल रही है। मगर महाराष्ट्र में महा विकास आघाडी के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे पर बातचीत नाजुक मोड़ पर है।

इसी प्रकार उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के बीच बातचीत अभी तक बेनतीजा है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और राज्य में सत्ताधारी दल तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने अपने राज्य में 42 लोकसभा सीट पर कांग्रेस के साथ किसी भी तरह की साझेदारी करने से आज इनकार कर दिया।

इसके कुछ समय बाद पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी राज्य के सभी 13 लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी। उन्होंने राज्य में कांग्रेस के साथ सीटों के बंटवारे की संभावनाओं को खारिज कर दिया। पंजाब की कांग्रेस इकाई ने भी राज्य में आम आदमी पार्टी के साथ किसी भी गठबंधन का विरोध किया।

बनर्जी और आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने 19 जनवरी को दिल्ली में आयोजित इंडिया गठबंधन की बैठक में भी सुर में सुर मिलाया था। बनर्जी ने प्रस्ताव दिया था कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री का चेहरा बनाया जाए और केजरीवाल ने उसका समर्थन किया था।

बनर्जी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के बंगाल में प्रवेश की पूर्व संध्या पर अपनी पार्टी के फैसले की घोषणा की और एक दिन बाद कांग्रेस नेता ने जोर देकर कहा कि उनके बंगाल के कद्दावर नेता के साथ सौहार्दपूर्ण संबंध हैं।

बंगाल की मुख्यमंत्री ने यह भी दावा किया कि कांग्रेस ने बंगाल में यात्रा के लिए अपनी योजनाओं को साझा करने का शिष्टाचार भी नहीं निभाया, जबकि कांग्रेस ने जोर देकर कहा कि उसने 13 जनवरी को उन्हें निमंत्रण दिया था।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के बंगाल नेतृत्व ने यात्रा में शामिल होने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) को आमंत्रित किया और इससे बनर्जी नाराज हो गईं। कांग्रेस और वामपंथी दलों ने 2021 में बंगाल के विधानसभा चुनाव में गठबंधन किया था।

दीपा दासमुंशी जैसी स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने बनर्जी पर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस बंगाल में 8 से 14 सीट मांग रही थी जबकि तृणमूल कांग्रेस उसे 2 से अधिक सीट देने के लिए तैयार नहीं थी। बनर्जी को शक था कि कांग्रेस कहीं माकपा को सीट न सौंप दे। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बंगाल में तृणमूल ने 22, भाजपा ने 18 और कांग्रेस ने 2 सीट पर जीत दर्ज की थी।

जहां तक आम आदमी पार्टी का सवाल है तो सूत्रों ने कहा कि दिल्ली में 7 लोकसभा सीटों के लिए दोनों पार्टियों के बीच सहमति बन सकती है। कांग्रेस हरियाणा और गुजरात में गठबंधन के तहत चुनाव लड़ने की आम आदमी पार्टी की इच्छा को मानने को तैयार नहीं है।

उधर, आम आदमी पार्टी गुजरात के भरूच से अपने उम्मीदवार की घोषणा पहले ही कर चुकी है। सूत्रों ने कहा कि तीसरे एवं चौथे नंबर की पार्टियों- अकाली एवं भाजपा- से लड़ने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस यानी क्रमशः पहले और दूसरे नंबर की पार्टियों के बीच गठबंधन के कोई मायने नहीं हैं। कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी के साथ नहीं दिखना चाहती है क्योंकि उसका मानना है कि इससे उसे जबरदस्त सत्ता विरोधी लहर का सामना करना पड़ सकता है।

First Published - January 24, 2024 | 11:08 PM IST

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