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राजगढ़ लोक सभा सीट: पुराने ‘किले’ पर दावा ठोक रहे कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह

Rajgarh Lok Sabha Constituency: दिग्विजय यहां से अंतिम बार 1991 में चुनाव जीते थे। वर्ष 1993 में वह अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे।

Last Updated- April 29, 2024 | 10:52 PM IST
Digvijaya looks to reignite old connect राजगढ़ लोक सभा सीट: पुराने 'किले' पर दावा ठोक रहे कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह

मध्य प्रदेश का राजगढ़ एक हाई प्रोफाइल लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र है जहां से कांग्रेस प्रत्याशी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह भाजपा के मौजूदा सांसद रोडमल नागर के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। दोनों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है।

राजगढ़ में तीसरे चरण के तहत 7 मई को मतदान होगा। इस सीट पर जहां सिंह पुराना दावा ठोक रहे हैं तो नागर अपनी सीट बचाने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। दिग्विजय यहां से अंतिम बार 1991 में चुनाव जीते थे। वर्ष 1993 में वह अविभाजित मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बन गए थे।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सिंह (77 वर्ष) इस समय राज्य सभा सांसद हैं, लेकिन राजगढ़ सीट पुन: कांग्रेस को दिलाने की कोशिश के तहत वह चुनावी राजनीति में लौटे हैं। भाजपा सांसद रोडमल नागर यहां से पहले 2014 और फिर 2019 का चुनाव जीते हैं।

पिछले लोक सभा चुनाव में दिग्विजय भोपाल से चुनाव लड़े थे, लेकिन भाजपा की प्रज्ञा ठाकुर ने उन्हें हरा दिया था। अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) में आने वाली किरार जाति से ताल्लुक रखने वाले नागर पूर्व मुख्यमंत्री शिव राज सिंह चौहान के करीबी माने जाते हैं।

नागर राजगढ़ से तीसरी बार सांसद बनने का प्रयास कर रहे हैं तो दिग्विजय सिंह यहां के मतदाताओं को अपना पुराना पारिवारिक रिश्ता-नाता याद दिला रहे हैं।

इलाके में एक रैली को संबोधित करते हुए दिग्विजय ने कहा, ‘हमारे पुरखों ने इस क्षेत्र के विकास में बहुत योगदान दिया है। यह मेरा अंतिम चुनाव है। जीत के लिए मुझे अपना आशीर्वाद और सहयोग दें।’

मालूम हो कि सिंह राजगढ़ से पहली बार 1984 में लोक सभा चुनाव जीते थे। उनके भाई लक्ष्मण सिंह यहां से 1994 के उपचुनाव से 2004 तक पांच बार कांग्रेस के सांसद रहे। इसके बाद वह 2004 में भाजपा के टिकट पर जीत का परचम लहराने में कामयाब रहे।

दिग्विजय के बेटे जयवर्धन राजगढ़ लोक सभा क्षेत्र में आने वाली राघोगढ़ विधान सभा सीट से विधायक हैं। पूर्व में जनसंघ तथा भाजपा के जगन्नाथ राव जोशी और प्यारेलाल खंडेलवाल जैसे नेता भी इस सीट पर जीत दर्ज कर चुके हैं।

भाजपा प्रत्याशी नागर के खिलाफ जाति कार्ड खेलते हुए सिंह ने आरोप लगाया कि सत्ताधारी दल सोंधिया समुदाय को नजरअंदाज कर रहा है। ओबीसी के तहत आने वाला यह समुदाय मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में बहुतायत में रहता है। राजगढ़ में भी इस समुदाय के लगभग ढाई लाख मतदाता हैं।

First Published - April 29, 2024 | 10:52 PM IST

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