facebookmetapixel
Test Post कैश हुआ आउट ऑफ फैशन! अक्टूबर में UPI से हुआ अब तक का सबसे बड़ा लेनदेनChhattisgarh Liquor Scam: पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य को ED ने किया गिरफ्तारFD में निवेश का प्लान? इन 12 बैंकों में मिल रहा 8.5% तक ब्याज; जानिए जुलाई 2025 के नए TDS नियमबाबा रामदेव की कंपनी ने बाजार में मचाई हलचल, 7 दिन में 17% चढ़ा शेयर; मिल रहे हैं 2 फ्री शेयरIndian Hotels share: Q1 में 19% बढ़ा मुनाफा, शेयर 2% चढ़ा; निवेश को लेकर ब्रोकरेज की क्या है राय?Reliance ने होम अप्लायंसेस कंपनी Kelvinator को खरीदा, सौदे की रकम का खुलासा नहींITR Filing 2025: ऑनलाइन ITR-2 फॉर्म जारी, प्री-फिल्ड डेटा के साथ उपलब्ध; जानें कौन कर सकता है फाइलWipro Share Price: Q1 रिजल्ट से बाजार खुश, लेकिन ब्रोकरेज सतर्क; क्या Wipro में निवेश सही रहेगा?Air India Plane Crash: कैप्टन ने ही बंद की फ्यूल सप्लाई? वॉयस रिकॉर्डिंग से हुआ खुलासाPharma Stock एक महीने में 34% चढ़ा, ब्रोकरेज बोले- बेचकर निकल जाएं, आ सकती है बड़ी गिरावट

Lok Sabha Election Results 2024: PM मोदी की वाराणसी समेत 10 अहम सीटें, जहां से दिग्गज नेताओं ने जीत दर्ज की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोक सभा सीट से इंडिया गठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय को करीब 152,513 वोटों से हराते हुए लगातार तीसरी बार इस सीट से जीत हासिल की है।

Last Updated- June 04, 2024 | 11:39 PM IST
PM Modi

1. वाराणसी (उत्तर प्रदेश): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी लोक सभा सीट से इंडिया गठबंधन के कांग्रेस उम्मीदवार अजय राय को करीब 152,513 वोटों से हराते हुए लगातार तीसरी बार इस सीट से जीत हासिल की है। हालांकि उनकी जीत का अंतर काफी कम हो गया है। वर्ष 2019 में त्रिकोणीय मुकाबले में भी उन्होंने 479,505 वोटों के अंतर से जीत हासिल की थी। इस बार उनकी जीत का कम अंतर वास्तव में भाजपा और उनके सहयोगियों को उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में हुए नुकसान को दर्शाता है खासतौर पर जिन सीटों पर सातवें चरण में मतदान हुए जैसे कि रॉबर्ट्सगंज, चंदौली, गाजीपुर और अन्य सीटें।

2. बहरामपुर (पश्चिम बंगाल)

निवर्तमान लोक सभा में कांग्रेस पार्टी के नेता और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कटु आलोचक रहे अधीर रंजन चौधरी अपने गढ़ बहरामपुर से क्रिकेटर से नेता बने युसुफ पठान से करीब 85000 से अधिक वोटों से पीछे चल रहे हैं। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ संभावित सीटों के समायोजन में ममता के लिए सबसे बड़ी बाधा चौधरी ही थे। बहरामपुर से पांच बार सांसद रहे चौधरी 1999 से ही जीत हासिल करते रहे हैं।

3. हासन (कर्नाटक)

वोक्कालिगा समुदाय का मजबूत गढ़ माने जाने वाली हासन सीट जनता दल (सेक्युलर) के खाते में तीन दशक तक रही है और 1991 से ही पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा ने पांच बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व लोक सभा में किया है और 2019 में उनके पोते प्रज्जवल रेवन्ना ने इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।

देवेगौड़ा परिवार के पूर्वजों का गांव हासन के होलेनारसिपुर में है और इस विधासभा सीट से पूर्व प्रधानमंत्री देवेगौड़ा 1962 में पहली बार जीते थे और प्रज्जवल के पिता एच डी रेवन्ना ने 1994 से ही छह बार इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया है। प्रज्जवल पर महिलाओं के यौन शोषण के आरोप लगे हैं और इसके चलते देवेगौड़ा परिवार को हासन जैसे गढ़ को गंवाना पड़ा है।

4. नगीना (उत्तर प्रदेश)

आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) के चंद्रशेखर आजाद ने नगीना सीट पर 150,000 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की है। ऐसे वक्त में जब बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की ताकत कमजोर हो रही है और जाटव वर्ग भी उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के उत्तराधिकारी की तलाश में हैं। चंद्रशेखर की जीत से उत्तर प्रदेश की दलित राजनीति बदलाव आ सकता है।

5. अमेठी (उत्तर प्रदेश)

कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने परिवार के लिए वफादार कार्यकर्ता रहे किशोरी लाल के समर्थन में 10 दिनों तक चुनाव अभियान में हिस्सा लिया। किशोरी लाल ने भाजपा की उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी को हराया जिन्होंने 2019 के चुनाव में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को हराया था।

6. बेंगलूरु (ग्रामीण)

कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री डी के शिवकुमार के भाई डी के सुरेश के खाते में यह सीट 2013 से रही है लेकिन अब यह सीट एच डी देवेगौड़ा के परिवार में चली गई है। भाजपा ने जनता दल (सेक्यूलर) के साथ गठबंधन के तहत देवेगौड़ा के दामाद और सर्जन सी एन मंजुनाथ को इस सीट पर टिकट दी और जीत हासिल कर ली।

7. छिंदवाड़ा (मध्य प्रदेश)

2019 में यह सीट कांग्रेस नेता कमलनाथ के बेटे नकुल नाथ ने जीती थी और इस लोक सभा चुनाव में राज्य की 29 लोक सभा सीटों में से भाजपा केवल यही एक सीट हारी थी। इस बार यहां से भाजपा के बंटी विवेक साहू जीते हैं। कमलनाथ यहां से 1980 में पहली बार चुनाव जीते थे और कुछ मौके को छोड़कर लगभग 2014 तक इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते रहे। अब भाजपा राज्य की कुल 29 सीटें जीतने में कामयाब रही।

8. त्रिशूर (केरल)

भाजपा ने केरल में पहली बार जीत दर्ज की है और अभिनेता से नेता बने सुरेश गोपी ने त्रिशूर सीट जीत ली। हालांकि भाजपा को तिरुवनंतपुरम की सीट नहीं मिल सकी जहां से कांग्रेस के नेता शशि थरूर जीते हैं।

9. खडूर साहिब (पंजाब)

वारिस पंजाब दे के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने असल के जेल में रहते हुए निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की है। कट्टर सिख धर्मवक्ता अमृतपाल ड्रग के खिलाफ अभियान के लिए लोकप्रिय है और उसके समर्थक जनरैल सिंह भिंडरांवाले के साथ उसकी कोई तुलना करना पसंद नहीं करते हैं।

10. फैजाबाद (अयोध्या, उत्तर प्रदेश)

समाजवादी पार्टी ने एक दलित उम्मीदवार अवधेश प्रसाद को भाजपा के सांसद लल्लू सिंह के खिलाफ ‘सामान्य’ सीट से उतारा ताकि अनुसूचित जाति और अन्य पिछड़ा वर्ग तक अपनी पहुंच बनाई जा सके। भाजपा की अयोध्या में हार को वास्तव में 2024 के लोक सभा चुनाव में कमंडल के ऊपर मंडल की जीत बताई जा रही है।

First Published - June 4, 2024 | 11:39 PM IST

संबंधित पोस्ट