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राजनीतिक रैलियों में टैक्स को लेकर किए जाने वाले वादे को लेकर नेताओं की कोई जवाबदेही नहीं: अश्नीर ग्रोवर

India's tax politics: उनका कहना है कि चुनावों के दौरान करदाता एक "अर्थहीन अल्पसंख्यक" होते हैं

Last Updated- April 24, 2024 | 10:46 PM IST
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भारतपे के सह-संस्थापक और शार्क टैंक इंडिया के पूर्व जज अश्नीर ग्रोवर ने चुनाव और करदाताओं को लेकर एक विवादित बयान दिया है। उनका कहना है कि चुनावों के दौरान करदाता एक “अर्थहीन अल्पसंख्यक” होते हैं। उनका यह भी दावा है कि राजनीतिक रैलियों में नेता टैक्स को लेकर कोई भी वादा कर सकते हैं और उनकी कोई जवाबदेही नहीं होती।

अश्नीर ग्रोवर ने सोशल मीडिया पर “टैक्स पॉलिटिक्स” को लेकर एक चर्चा छेड़ दी है। उन्होंने दावा किया है कि भारत में टैक्स चुनावों को ही प्रभावित करता है, वास्तविकता कुछ और है।

ग्रोवर के अनुसार, 140 करोड़ भारतीयों में से केवल 8 करोड़ ही इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं। वहीं सिर्फ 2 करोड़ लोग ही आयकर देते हैं। मजेदार बात यह है कि इन 2 करोड़ लोगों में से भी केवल 45 लाख लोग कुल आयकर का 80% भरते हैं!


उनका कहना है कि चुनावों के दौरान राजनीतिक दल करदाताओं को “निरर्थक अल्पसंख्यक” मानते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राजनीतिक रैलियों में नेता टैक्स को लेकर झूठे वादे भी कर सकते हैं और उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती।

ग्रोवर की यह टिप्पणी उसी दिन सामने आई है, जिस दिन कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा ने अमेरिका के विरासत कर कानून और “धन के पुनर्वितरण” के मुद्दे पर बात की थी। गौरतलब है कि पित्रोदा के बयान की भी काफी आलोचना हो रही है।

First Published - April 24, 2024 | 10:46 PM IST

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