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कनाडा जाने पर चौकस रहने की सलाह

भारत विरोधी और भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने वाली गतिविधियों में तेजी पर सरकार का मशविरा

Last Updated- September 20, 2023 | 11:24 PM IST
Canada announces new work permit for 10,000 H-1B visa holders from US

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते कूटनीतिक संबंधों के बीच विदेश मंत्रालय ने कनाडा में भारतीय नागरिकों को चौकस रहने के लिए कहा है। मंत्रालय ने उन लोगों को भी आगाह किया है, जो कनाडा की यात्रा करना चाह रहे हैं। कनाडा में भारत विरोधी और भारतीय मूल के लोगों के खिलाफ नफरत फैलाने वाली गतिविधियों में तेजी के बीच सरकार ने यह मशविरा जारी किया है।

मंत्रालय ने कहा, ‘हाल में कनाडा में भारत के कूटनीतिज्ञों एवं भारत विरोधी मानसिकता के खिलाफ आवाज उठाने वाले लोगों के कुछ समूहों को धमकियां मिली हैं। वहां बिगड़ते हालात को देखकर भारतीय नागरिकों, विशेषकर छात्रों को अधिक सावधानी बरतने और चौकस रहने की सलाह दी जाती है।’

छात्रों को ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वैंकूवर में वाणिज्य दूतावास में अनिवार्य रूप से पंजीयन कराने के निर्देश दिए गए हैं ताकि किसी आपात स्थिति में उनसे शीघ्र और आसानी से संपर्क साधा जा सके। कनाडा में इस समय 2,26,450 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। इनके अलावा वहां भारतीय मूल के 18 लाख लोग भी रहते हैं।

भारत में प्रतिबंधित संगठन सिख्स फॉर जस्टिस (एसएफजे) ने वैकूवर में 29 सितंबर को खालिस्तान के विषय पर दोबारा जनमत संग्रह कराने की योजना की घोषणा की है। इस घोषणा के महज कुछ ही घंटों बाद विदेश मंत्रालय से सलाह जारी हुई है। गुरपटवंत सिंह पन्नू ने एक वीडियो जारी कर भारतीय मूल के हिंदुओं को कनाडा छोड़ने के लिए कहा है। भारत पन्नू को आतंकवादी मानता है। पन्नू ने ‘किल इंडिया” जनमत संग्रह से पहले कनाडा में भारत के उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा को कनाडा छोड़कर जाने की धमकी दी है।

एसएफजे ने 8 सितंबर को वैंकूवर में एक जनमत संग्रह का आयोजन किया था। उसी दिन जी20 शिखर सम्मेलन के मुख्य कार्यक्रम से इतर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के बीच नई दिल्ली में बैठक का कार्यक्रम था।

विदेश मंत्रालय की तरफ से सलाह संभवतः इसलिए भी जारी की गई है कि कनाडा ने भी मंगलवार को भारत में अपने नागरिकों को एहतियात बरतने का निर्देश दिया था। कनाडा ने आपने नागरिकों को ‘भारत में आतंकवादी हमले के बढ़ते खतरे को देखते हुए चौकस रहने के लिए कहा था’।

बुधवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने प्रधानमंत्री मोदी से नए संसद भवन में भारत-कनाडा के बीच उत्पन्न कूटनीतिक संकट पर चर्चा की। जयशंकर ने जुलाई में जकार्ता में एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली के साथ भारतीय मूल के लोगों को मिल रही धमकियों का मुद्दा उठाया था। इसने बाद कनाडा की सुरक्षा एजेंसियों ने भारतीय उच्चायोग और वर्मा के आवास पर सुरक्षा बढ़ा दी थी।

बिगड़ते रिश्ते
भारत और कनाडा के रिश्तों में तल्खी कोई नई बात नहीं है मगर सोमवार को हालात तब और बिगड़ गए जब कनाडा के प्रधानमंत्री ने वहां की संसद के एक आपात सत्र के दौरान एक चौंकाने वाला बयान दिया। ट्रूडो ने कनाडा की संसद में कहा कि देश की सुरक्षा एजेंसियां इन आरोपो की जांच कर रही हैं कि भारत सरकार के इशारे पर हरदीप सिंह निज्जर की हत्या हुई है।

निज्जर एक खालिस्तानी आतंकवादी था जिसकी जून में हत्या कर दी गई थी। पंजाब में एक हिंदू पंडित की हत्या की साजिश रचने के लिए निज्जर को भारत सरकार ने 2020 में आतंकवादी घोषित किया था। निज्जर 2015 में कनाडा का नागरिक बन गया था। बताया जाता है कि निज्जर एक उग्रवादी संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स का मुखिया था। खालिस्तान टाइगर फोर्स को फरवरी 2023 में आतंकवादी संगठन घोषित कर दिया गया था।

भारत ने ट्रूडो के आरोपों को निराधार एवं पूर्वग्रह से प्रेरित बताया। भारत ने मंगलवार को कहा कि भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता को चुनौती देने वाले कनाडा में जमे खालिस्तानी आतंकवादियों एवं चरमपंथियों से ध्यान भटकाने की साजिश के तहत ऐसे अनर्गल आरोप लगाए गए हैं।

ट्रूडो के चौंकाने वाले बयान के बाद कनाडा ने ओटावा में भारतीय उच्चायोग में बतौर मंत्री (सामुदायिक मामले, संयोजन) पदस्थापित पवन कुमार राय को निष्कासित कर दिया। कनाडा के विदेश मंत्रालय के कार्यालय ने यह आरोप लगाकर राय को देश छोड़ने के लिए कहा कि वह रिसर्च ऐंड एनालिसिस विंग (रॉ) के स्थानीय प्रमुख थे।

एफपीआई प्रवाह का सातवां बड़ा स्रोत है कनाडा

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते संबंधों का घरेलू पूंजी प्रवाह पर असर पड़ सकता है। फिलहाल भारत में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) प्रवाह के मामले में कनाडा सातवां सबसे बड़ा देश है।

नैशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (एनएसडीएल) के अनुसार अगस्त के अंत तक कनाडा में रहने वाले एफपीआई की संरक्षणाधीन परिसंपत्ति (एयूसी) करीब 1.8 लाख करोड़ रुपये (21 अरब डॉलर) थी।

इनमें से करीब 85 फीसदी निवेश सूचीबद्ध शेयरों में हैं जबकि शेष ऋण और हाइब्रिड योजनाओं में हैं। विश्व की सबसे बड़ी रिटायरमेंट फंडों में से एक कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (सीपीपीआईबी) घरेलू बाजार में निवेश करने वाले सबसे बड़े एफपीआई में से एक है।

 

First Published - September 20, 2023 | 11:24 PM IST

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