Air India Plane Crash: केंद्र सरकार ने विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) के महानिदेशक जीवीजी युगंधर को X-श्रेणी की सशस्त्र सुरक्षा प्रदान की है। वे 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया विमान हादसे की जांच का नेतृत्व कर रहे हैं। यह जानकारी पीटीआई ने शनिवार को दी।
गृह मंत्रालय ने एक खतरे की आशंका संबंधी रिपोर्ट के आधार पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को निर्देश दिया है कि वे युगंधर को सुरक्षा मुहैया कराएं। इस व्यवस्था के तहत, उनकी देशभर की यात्रा के दौरान तीन से चार सशस्त्र सीआरपीएफ जवान उनके साथ रहेंगे।
गौरतलब है कि एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। इस हादसे में 270 लोगों की जान चली गई थी। युगंधर इस गंभीर मामले की उच्च स्तरीय जांच का नेतृत्व कर रहे हैं।
अहमदाबाद में 12 जून को हुए एयर इंडिया हादसे की जांच में अब अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी शामिल हो रही हैं। संयुक्त राष्ट्र की विशेष विमानन संस्था अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन (ICAO) को इस जांच में पर्यवेक्षक (observer) के तौर पर शामिल होने की अनुमति भारत ने दी है। यह एक असाधारण कदम माना जा रहा है।
ICAO ने भारत सरकार से आधिकारिक तौर पर अनुरोध किया था कि वह जांच प्रक्रिया में एक विशेषज्ञ को बतौर पर्यवेक्षक भेजना चाहता है। भारत ने इस पर विचार करने के बाद मंजूरी दे दी।
12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट AI171, जो एक बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान था, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद हादसे का शिकार हो गई। विमान लंदन गैटविक के लिए सीधी उड़ान पर था।
यह विमान मेघाणी नगर इलाके में स्थित एक मेडिकल हॉस्टल से टकरा गया, जिससे विमान में सवार 242 में से 241 यात्रियों और क्रू की मौत हो गई। केवल एक यात्री को मामूली चोटों के साथ बचाया जा सका। इसके अलावा ज़मीन पर मौजूद 29 लोग भी हादसे में मारे गए। इस तरह कुल मृतकों की संख्या 270 हो गई।
13 जून को भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने औपचारिक रूप से इस दुर्घटना की जांच शुरू की। इसके लिए एक बहु-विषयक टीम बनाई गई है, जिसमें अमेरिका के नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के विशेषज्ञ, एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारी और एक एविएशन मेडिसिन विशेषज्ञ को शामिल किया गया है।
यह टीम हादसे के कारणों और जिम्मेदार पक्षों की गहराई से जांच कर रही है। अब ICAO की मौजूदगी से यह जांच और अधिक व्यापक और पारदर्शी मानी जा रही है।
हाल में हुए विमान हादसे की जांच में अहम माने जा रहे ब्लैक बॉक्स डेटा की दिल्ली में जांच शुरू हो गई है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अनुसार, दो ब्लैक बॉक्स — कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (CVR) और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (FDR) — क्रमश: 13 और 16 जून को दुर्घटनास्थल से बरामद किए गए थे। इनमें से एक रिकॉर्डर एक इमारत की छत से मिला, जबकि दूसरा मलबे के बीच से बरामद किया गया।
दोनों रिकॉर्डरों को 24 जून को भारतीय वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। इसके बाद 25 जून को दिल्ली स्थित एएआईबी (Aircraft Accident Investigation Bureau) की प्रयोगशाला में एक रिकॉर्डर के फ्रंट डेटा मॉड्यूल से जानकारी निकालकर डाउनलोड की गई।
फिलहाल दिल्ली में इन रिकॉर्डरों का विश्लेषण किया जा रहा है, ताकि हादसे के कारणों की सटीक जानकारी मिल सके।