दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की ईडी द्वारा बीते रोज गिरफ्तारी के बाद राजनीति गर्माई हुई है। 2011 अन्ना आंदोलन के बाद राजनीति में आए केजरीवाल जिस दलदल में अब फंसते नजर आ रहे हैं। उसके खिलाफ ही उन्होंने अन्ना आंदोलन के जरिए आवाज उठाई थी।
बहरहाल, उनकी पार्टी के बाकी नेता और खुद पर एक्साइज पॉलिसी में भ्रष्टाचार के जो आरोप लगे हैं उससे अन्ना हजारे काफी दुखी हैं। उन्होंने केजरीवाल की मौजूद हालत को लेकर अपना बयान दिया है।
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी खबर के मुताबिक सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली के सीएम केजरीवाल को उनके ही कर्मों के कारण गिरफ्तार किया गया है।
उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का दुख है कि उनके साथ काम करते हुए शराब के खिलाफ आवाज उठाने वाले केजरीवाल अब शराब नीति ला रहे हैं। उन्होंने कहा, ”मैं इस बात से बहुत परेशान हूं कि जो अरविंद केजरीवाल मेरे साथ काम करते थे, शराब के खिलाफ आवाज उठाते थे, वे अब शराब नीतियां बना रहे हैं।’
केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में एजेंसी के नौ समन को टालने के बाद गिरफ्तार किया था। उनकी गिरफ्तारी के बाद आप ने विरोध प्रदर्शन किया और घोषणा की कि केजरीवाल जेल से सरकार चलाएंगे।
इसके पहले केजरीवाल को दिल्ली उच्च न्यायालय ने गिरफ्तारी से राहत देने से इनकार कर दिया था। केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद AAP ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की और तीन जजों की बेंच मामले की सुनवाई करने वाली थी।
हालांकि, आम आदमी पार्टी ने जल्द ही याचिका वापस ले ली। अरविंद केजरीवाल 2011 में भ्रष्टाचार के खिलाफ अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन में शामिल हुए थे। बाद में उन्होंने अपनी खुद की राजनीतिक पार्टी बनाई और दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ा।
नवंबर 2021 में, दिल्ली में एक शराब नीति लाई गई, जिसमें शराब की दुकानों का मैनेजमेंट प्राइवेट लाइसेंसधारियों को सौंप दिया गया और खुदरा बिक्री समाप्त कर दी गई। हालांकि, जुलाई 2022 में, दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार ने नीति उल्लंघन के बारे में चिंता जताई और आरोप लगाया कि लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ मिल रहा है। परिणामस्वरूप, सितंबर 2022 में नीति रद्द कर दी गई। सीबीआई ने यह भी कहा कि शराब कंपनियों ने अधिक लाभ कमाने के लिए नीति को प्रभावित किया।